मण्डला- जिला मजिस्ट्रेट ने जिले के विभिन्न वन मण्डलों द्वारा टोटल लॉकडाऊन
के दौरान लघु वनोपज के संग्रहण, प्रसंस्करण, उपचारण, परिवहन, भंडारण तथा विपणन के कार्य के लिए दिशा-निर्देश
जारी कर दिये हैं। उन्होंने कहा है कि उक्त कार्य में ठेकेदार, मजदूर, कर्मचारी तथा ट्रांसपोर्टर की सहभागिता होगी जो विभिन्न स्थानों से आकर जिले
की सीमा में प्रवेश करेंगे। उन्हांेने जिले में संक्रमण फैलने की प्रबल आशंका को
दृष्टिगत रखते हुए आमजन की संपूर्ण सुरक्षा के लिए जिले की सीमा में प्रवेश का
सशर्त अनुमति आदेश जारी कर दिया है। जारी आदेश के तहत् उक्त कार्य में लगे अमले को
कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए गृह मंत्रालय द्वारा समय-समय पर जारी
रिवाईज्ड गाईड लाईन का पालन करने के निर्देश दिये गये हैं।
कलेक्टर ने मध्यप्रदेश शासन वन विभाग के निर्देशानुसार समस्त आवश्यक
सावधानियां एवं उपाय बरतने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा है कि सोशल डिस्टेसिंग
का पालन अनिवार्य रूप से किया जाये। उपरोक्त कार्य में लगे कर्मचारी, क्रेता एवं उनके प्रतिनिधि श्रमिक तथा ग्रामीण सभी के द्वारा चेहरे पर मॉस्क, गमछा, रूमाल या दुपट्टा आदि का प्रयोग किया जायेगा। प्रत्येक संग्रहण केन्द्र एवं
भंडारण केन्द्र या गोदाम पर आवश्यक रूप से सेनिटाईर्स एवं साबुन रखना सुनिश्चित
करें एवं आने-जाने के समय सेनिटाईजर या साबुन से हाथ धोये। उपरोक्त कार्य में लगे
सभी व्यक्ति आपस में कम से कम 2 मीटर की सामाजिक दूरी बनाये रखेंगे। इसके लिए
प्रत्येक केन्द्र पर 2-2 मीटर के अंतराल से चूने का घेरा बनाया जायेगा। रात्रि में कार्य के लिए
प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित करें। जिला मजिस्ट्रेट ने जिले की सीमा में प्रवेश
के दौरान उक्त कार्य में लगे अमले की समुचित स्क्रीनिंग कर पृथक से जानकारी
संधारित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण के कोई भी
लक्षण दिखाई देने पर उन्हें तत्काल क्वारेंटाईन किया जाये। तेंदूपत्ता क्रेताओं
एवं वनोपज कार्य में संलग्न उनके प्रतिनिधि तथा श्रमिक इस कार्य में लगे अमले एवं
संबद्ध वाहनों के लिए परिचय पत्र या पास संबंधित वन मंडलाधिकारी द्वारा जारी किया
जायेगा।
कलेक्टर ने जिले को संक्रमण से बचाने के लिए सभी आवश्यक उपाय एवं सावधानियां
बरतने की हिदायत दी है। किसी भी परिस्थति में निर्धारित बिन्दुओं का पालन नहीं
करने पर यह अनुमति स्वमेव निरस्त मानी जायेगी एवं संबंधित ठेकेदार या नियोक्ता के
विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 सहित अन्य धाराओं एवं डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही की जायेगी।