रिपोर्ट- अमित गुप्ता
(अनूपपुर) अनूपपुर
जिला अस्पताल में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों ने मेडिकल पीजी पाठ्यक्रम में
प्रवेश हेतु इन - सर्विस पॉलिसी के पुनः निर्माण हेतु पूर्व विधायक रामलाल रौतेल
को ज्ञापन सौपतें हुए राज्य
सरकार से अपनी बात कहीं की वर्तमान में नीट पीजी 2020 के
अंतर्गत मध्यप्रदेश के चिकित्सा महाविद्यालयों में प्रवेश हेतु काउंसलिंग प्रारंभ
हुई है अतः इस काउंसलिंग का सीट मैट्रिक्स संचनालय चिकित्सा शिक्षा द्वारा
प्रदर्शित किया गया है जिसमें हम कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों के लिए इन सर्विस
में सिर्फ पांच डिप्लोमा पीजी सीट आरक्षित है इस वजह से हम चिकित्सा अधिकारी पीजी
पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने से वंचित है अतः शासकीय चिकित्सालयों में पूर्व से चल
रही विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी इस वजह से भविष्य में अत्यंत कमी बनने की दशा बनती
दिख रही है! चिकित्सा अधिकारियों ने अपनी बात रखते हुए आगे कहा कि प्रदेश के
पब्लिक हेल्थ सेक्टर में आगामी वर्षों में विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध होते रहें इस
हेतु उपरोक्त कदम उठाना आवश्यक है अन्यथा आगामी दो-तीन वर्षों में अधिकतर विशेषज्ञ
चिकित्सकों के रिटायरमेंट होने से शासकीय चिकित्सालयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की
भारी कमी आ जाएगी!
चिकित्सा
अधिकारियों ने अपनी मांगों को 4 बिंदुओं में रखा है।
1.50% पीजी डिग्री सीटों पर शासकीय चिकित्सा अधिकारियों के लिए आरक्षण!
2.मेधावी छात्र योजना के अंतर्गत निजी चिकित्सा महाविद्यालयों की पीजी
डिग्री की फीस का राज्य शासन द्वारा वहन!
3.शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों की पीजी डिप्लोमा सीट से पीजी डिग्री सीटों
में परिवर्तित सीटों को इन सर्विस शासकीय चिकित्सा अधिकारियों हेतु आरक्षण!
4.लॉक डाउन के समय मे दूरस्थ पदस्थ चिकित्सा अधिकारीयों को चॉइस फिलिंग मे
दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है अतः कॉउंसलिंग लॉक डाउन के बाद करवाई जाये