स्कूली गतिविधियों से
जोड़ने और शेष मानदेय भुगतान कराये जाने
भी लगाई गई गुहार
मण्डला - नियमित
रोजगार पाने लंबे समय से संघर्षरत अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री और महामहिम
राज्यपाल के नाम शनिवार 26 जून को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर
अपर कलेक्टर मीना मसराम के हाथों ज्ञापन सौंपा है। जिलाध्यक्ष अतिथि शिक्षक परिवार
मंडला एवं अतिथि शिक्षक समन्वय समिति मध्यप्रदेश के संस्थापक पी.डी.खैरवार ने जारी
विज्ञप्ति में बताया है,कि स्थानीय समस्याओं जैसे शेष मानदेय
भुगतान के शीघ्र निराकरण कराये जाने कलेक्टर के नाम और नियमितीकरण जैसे मुख्य
मुद्दों के शीघ्र निराकरण के लिए मुख्यमंत्री एवं महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन
सौंपा गया है।
शेष मानदेय का भुगतान हो
जल्द
कलेक्टर के नाम लिखे ज्ञापन में मांग की गई है,कि हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में दिसंबर 2020 से
सेवाएं जारी हैं,जबकि अप्रैल 2021 तक
ही मानदेय दिया गया है। मई-जून का शेष मानदेय भुगतान जल्द किया जाये।ताकि
कोरोनाकाल में परिवार की जरूरत कुछ हद तक पूरी की जा सके।
कोविड19 काल का
सभी को दिया जाये मानदेय
अन्य सरकारी कर्मियों और मध्यान्ह भोजन रसोईयों का हवाला
देते हुए मांग की गई है,कि प्रधानमंत्री जी के आदेशानुसार सरकारी
विभागों में काम करने वाले सभी कर्मियों को कोविड19 काल का
मानदेय वेतन दिया जायेगा ताकि परिवार का भरण-पोषण होता रहे।परंतु अतिथि शिक्षकों
को तेरह महीने से कुछ भी नहीं दिया जा रहा है।जबकि रसोईया और अतिथि शिक्षक एक ही
संस्था में काम करते हैं। अतिथि शिक्षकों को भी लाकडाउन अवधि का मानदेय भुगतान
किया जाये।
सरकार के द्वारा किये जा रहे विलंब का इंतजार करने की
समय-सीमा खत्म
सरकार का ध्यानाकर्षण कराया गया है,कि अब सरकार के द्वारा नियमितीकरण की कार्यवाही का इंतजार करने में अतिथि
शिक्षक अब लेसमात्र भी विश्वास नहीं करेगा। अब अपने कुटुम्ब परिवार, रिश्तेदार,बंधु बांधवों और शुभचिंतकों का समर्थन
लेकर अतिथि शिक्षकों के 70 हजार परिवार सरकार की दोषपूर्ण
रवैये का पुरजोर विरोध करने सड़कों पर फिर उतरने का मन बना लिए हैं।
नियमितीकरण के लिए कार्यानुभव को बनाया जाए आधार
अतिथि शिक्षकों के द्वारा स्कूलों में दिये गये समय को
आधार मानकर जल्द से जल्द नियमितीकरण का फैसला लिया जाने की मांग ज्ञापन में मुख्य
रूप से की गई है।
पात्रों को पूर्व प्राथमिकता के साथ अपात्रों को बनाया
जाए पात्र
अब यहां तक मांग की गई है,कि शिक्षक
भर्ती नियमों के मापदंडों को पूरा करने वाले कार्यानुभवी अतिथि शिक्षकों को
नियमितीकरण हेतु पूर्व प्राथमिकता देते हुए शेष बचे अतिथि शिक्षकों को शिक्षक बनने
मापदंड पूरा करने योग्य व पात्र बनाकर नियमित किया जाए।
नियमितीकरण तक न किया जाये काम से अलग
नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी होते तक अतिथि शिक्षकों को
उचित वेतन पर 12 माह का नियमित रोजगार मुहैया कराया
जाये।
अतिथि शिक्षक भर्ती नियमों में सुधार लाते हुए स्थान न
माना जाए निरंक
चाहे जब बाहर का रास्ता दिखाने वाले अतिथि शिक्षक भर्ती
नियम 2008 में सुधार लाते हुए अतिथि शिक्षकों के
स्थान को निरंक न माना जाये और बार बार बाहर किये जाने की परंपरा बंद कर अतिथि
शिक्षकों के स्थान को निरंक माना जाये।
नियमितीकरण के लिए उम्र का बंधन हटाया जाये
चूंकि तेरह वर्षों से अतिथि शिक्षक व्यवस्था चल रही है।
बहुत सारे अतिथि शिक्षकों की उम्र भी सरकारी नौकरियां पाने आवेदन करने काबिल नहीं
रह गई है।अपना बहुमूल्य समय इसी कार्य में लगा दिया गया है। इसलिए नियमितीकरण के
लिए उम्र का कोई बंधन न रखा जाये।
ज्ञापन सौपने किया गया प्रतिनिधित्व
ज्ञापन सौंपने के लिए जिले के तमाम
विकासखंड इकाईयों से प्रतिनिधि के रूप में रेणु तिवारी, उपासना सिंह,अमीषा दुबे,वैशाली
सागर, महेंद्र सोनी शंकर लाल कुड़ापे, अखिलेश
बेंद्रे,शिवचरण मरावी, शिवकुमार,
उमाकांत यादव, हिम्मत सिंह ठाकुर, रवि उसराठे मुख्य रूप से सामिल रहे।
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