मण्डला- न्यायालय
प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला श्री निरंजन कुमार पांचाल द्वारा सत्र प्रकरण
क्रमांक 143/17 शासन विरूद्ध इंद्र कुमार झारिया के मामले में आरोपी को अपने
सहकर्मी राजू कोल की हत्या करने के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुये उसे आजीवन कारावास
के कठोर दण्ड से दण्डित किया गया है। जिला
अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया कि, घटना के
समय आरोपी इंद्र कुमार झारिया पिता मगनलाल झारिया निवासी ग्राम गोकला थाना बरगी
जिला जबलपुर तथा मृतक राजू कोल पिता विष्वनाथ कोल निवासी ग्राम कुंदरी थाना
नौरोजाबाद जिला उमरिया थाना बिछिया के अंतर्गत ग्राम करंजिया के हालोन डैम
परियोजना में मजदूरी का काम करते थे तथा हालोन डैम के लेबर कालोनी में निवास करते
थे। दिनांक 26.01.2017 को आरोपी इंदर झारिया एवं मृतक राजू कोल हालोन डैम के पास
जामून टोला गांव में घुमने के पश्चात् शाम को 7 बजे लेबर कालोनी वापस आ रहे थे, तभी
रास्ते में आरोपी इंद्रकुमार झारिया द्वारा मृतक राजू कोल से कहा गया कि वह बडे
अफसरों से उसकी चूगली करता है तथा इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगडा हुआ। इसके
बाद आरोपी इंद्रकुमार झारिया मृतक राजू कोल को छोडकर तेजी से कालोनी की तरफ आया और
रात में 8 बजे जब मृतक राजू कोल आरोपी इन्द्रकुमार झारिया के टीन के शेड के पास से
गुजरा उसी समय मृतक राजू कोल के उपर प्लास्टिक की जेरिकेन से पेट्रोल डालकर माचिस
की तिली से आग लगा दी, जिससे मृतक राजू कोल के शरीर का पूरा भाग जल गया।
मृतक राजू कोल के द्वारा आवाज लगाने पर आस-पास रहने वाले लेबरों ने आकर आग बुझाई
तथा उसे बिछिया अस्पताल में भर्ती कराया। बिछिया अस्पताल में पदस्थ डाॅक्टर के
द्वारा मृतक राजू कोल के भर्ती होने की सूचना थाना प्रभारी बिछिया को भेजी गई।
पुलिस द्वारा बिछिया अस्पताल में मृतक राजू कोल से पूछताछ कर आरोपी इंद्रकुमार
झारिया के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा 307 के अंतर्गत रिपोर्ट पंजीबद्ध कर मृतक राजू
कोल के मरणासन्न कथन कार्यपालक मजिस्ट्रेट से कराये गये। प्रकरण के संबंध में थाना
बिछिया में अप.क्र.35/17 पंजीबद्ध कर प्रकरण को विवेचना कार्यवाही में लिया गया।
मृतक राजू कोल की स्थिति गंभीर होने पर उसे बिछिया अस्पताल से अग्रिम उपचार हेतु
जिला चिकित्सालय मण्डला रिफर किया गया, परंतु
मृतक राजू कोल को जिला अस्पताल उमरिया में भर्ती कर उसका इलाज प्रारंभ किया गया
जहां इलाज के दौरान राजू कोल की मृत्यु होने पर प्रकरण में भा.द.वि. की धारा 302
का इजाफा करते हुये अग्रिम अनुसंधान कार्यवाही की गई। थाना प्रभारी बिछिया द्वारा
अनुसंधान कार्यवाही में अभियुक्त इंद्रकुमार झारिया के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा
302 का अपराध प्रमाणित पाये जाने पर अभियोगपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
प्रकरण को जघन्य सनसनीखेज मामला मानते हुये पुलिस अधीक्षक मण्डला द्वारा अनुसंधान
कार्यवाही की सतत निगरानी की गई तथा पुलिस महानिदेषक लोक अभियोजन म.प्र. भोपाल
द्वारा प्रभावी अभियोजन कार्यवाही के संबंध में जिला अभियोजन अधिकारी को निरंतर निर्देष
दिये गये। मामले की गंभीरता को देखते हुये जिला अभियोजन अधिकारी मण्डला द्वारा
न्यायालय में स्वयं अभियोजन कार्यवाही का संपादन किया गया। न्यायालय प्रथम अपर
सत्र न्यायाधीश मण्डला श्री निरंजन कुमार पांचाल द्वारा अभियोजन साक्षियों के
कथनों तथा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किये गये तर्कों को विष्वसनीय पाते हुये
अभियुक्त इंद्रकुमार झारिया भा.द.वि. की धारा 302 में दोषसिद्ध पाते हुये आजीवन
कारावास एवं 5000/- के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
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