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Friday, July 23, 2021

मण्डला : धारदार हथियार से पत्नि की निर्मम हत्या करने वाले पुलिस कर्मचारी को आजीवन कारावास

मण्डला - न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला श्री आर.पी.सिंह द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 36/19 शासन विरूद्ध चन्द्रषेखर दुबे के मामले में आरोपी चन्द्रषेखर दुबे को अपनी पत्नि की हत्या के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुये उसे आजीवन कारावास के कठोर दण्ड से दण्डित किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी मण्डला अरूण कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया कि, प्रकरण थाना बम्हनी के अप.क्र. 82/19 से संबंधित है। दिनांक 17.03.2019 को रात में 11 बजे आरोपी चन्द्रषेखर दुबे अपनी पत्नि की हत्या करके में पत्नि कीर्ति दुबे के शव को अपनी स्विफ्ट डिजायर कार में कोतवाली मण्डला ले गया। पुलिस कोतवाली मण्डला से कीर्ति दुबे के शव को जिला चिकित्सालय मण्डला ले जाने डाॅक्टर द्वारा जांच के उपरांत उसे मृत घोषित किया गया। रात में घटना की सूचना मिलने पर मृतिका कीर्ति दुबे के पिता फुलचंद तिवारी निवासी बम्हनी अपनी पत्नि और बच्चियों के साथ जिला चिकित्सालय मण्डला गये जहां पर उनके द्वारा आरोपी चन्द्रषेखर दुबे जो घटना के समय जिला शहडोल में आरक्षक के पद पर कार्यरत था, के विरूद्ध कीर्ति दुबे की हत्या करने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज करायी गई। फुलचंद तिवारी द्वारा रिपोर्ट में बताया गया कि, उन्होनें अपनी बेटी कीर्ति दुबे का विवाह 12 वर्ष पूर्व देवदरा मण्डला निवासी चन्द्रषेखर दुबे पिता सनतकुमार दुबे के साथ किया था। घटना के समय आरोपी चन्द्रषेखर दुबे अपनी पत्नि कीर्ति दुबे और बच्चों को अपनी तैनाती जिला शहडोल से लेकर उनकी छोटी पुत्री भारती तिवारी की शादी में शामिल होने के लिए बम्हनी स्थित उनके निवास पर आया था। चन्द्रषेखर दुबे का किसी दुसरी लडकी से अवैध संबंध होने के कारण कीर्ति दुबे एवं चन्द्रषेखर दुबे में विवाद चल रहा था। दिनांक 17.03.2019 की रात में 9 बजे खाना खाने के बाद आरोपी चन्द्रषेखर दुबे स्विफ्ट डिजायर कार क्र. एमपी18सी6204 में मृतिका कीर्ति दुबे को बैठाकर बम्हनी स्थित उनके निवासस्थान से घर से बाहर निकला था तथा घर से निकलने के पहले भी उनका आपस में विवाद हुआ था। मृतिका के पिता फुलचंद तिवारी द्वारा यह बताया गया कि, रात में लगभग 11.30 बजे उन्हंे सूचना मिली की उनके दामाद चन्द्रषेखर दुबे और बेटी कीर्ति दुबे के बीच रेल्वे क्रासिंग ग्वारा के पास झगडा हुआ है तथा कीर्ति दुबे को मण्डला अस्पताल लाया गया है। फुलचंद तिवारी द्वारा रिपोर्ट में यह बताया गया कि, अस्पताल में आने पर उन्हंे जानकारी हुई की उनके दामाद चन्द्रषेखर दुबे ने धारदार हथियार कीर्ति दुबे की हत्या की है। घटनास्थल थाना बम्हनी के क्षेत्र का पाये जाने पर पुलिस कोतवाली मण्डला द्वारा फुलचंद तिवारी द्वारा दर्ज करायी गई रिपोर्ट अग्रिम कार्यवाही हेतु थाना बम्हनी भेजी गई, जहां पर आरोपी चन्द्रषेखर दुबे के विरूद्ध भा..वि. की धारा 302 के अंतर्गत अप.क्र. 82/19 की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की गई। प्रकरण की विवेचना कार्यवाही करते हुये थाना प्रभारी बम्हनी निरीक्षक संदीप पवार द्वारा की मृतिका के शव का पीएम जिला चिकित्सालय मण्डला में कराया गया तथा दिनांक 18.03.2019 को पुलिस कोतवाली मण्डला में बंद किये गये आरोपी चन्द्रषेखर दुबे से पूछताछ की गई, तब आरोपी चन्द्रषेखर दुबे द्वारा पुलिस को मण्डला बम्हनी रोड पर स्थित ग्राम लिमरूआ के रेल्वे क्रासिंग खदान के पास ले जाकर घटनास्थल को दिखाया गया तथा घटनास्थल से हत्या में प्रयुक्त किये गये लोहे के बका जिसमें खून लगा था को निकालकर पुलिस को दिया गया। पुलिस द्वारा आरोपी चन्द्रषेखर दुबे के खून लगे कपडे और आरोपी से जप्त किये गये बका का डीएनए परीक्षण कराये जाने पर बका एवं कपडों में लगा हुआ खून मृतिका कीर्ति दुबे का पाया गया। पुलिस अधीक्षक मण्डला ने पुलिस कर्मचारी द्वारा अपनी पत्नि की निर्मम हत्या करने जैसे मामले को जघन्य एवं सनसनीखेज मामला चिन्हित करते हुये प्रकरण के अनुसंधान कार्यवाही की सतत निगरानी की गई। पुलिस थाना बम्हनी द्वारा विवेचना कार्यवाही में अभियुक्त चन्द्रषेखर दुबे के विरूद्ध अपनी पत्नि की हत्या के आरोप को प्रमाणित पाये जाने पर उसके विरूद्ध भा..वि. की धारा 302 एवं मोटरयान अधिनियम की धारा 146/196 के अंतर्गत अभियोगपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।  पुलिस महानिदेषक लोक अभियोजन द्वारा भी जघन्य सनसनीखेज मामले के अभियोजन कार्यवाही की निरंतर समीक्षा कर प्रकरण में प्रभावी अभियोजन सुनिष्चित किया गया। मामले की गंभीरत को देखते हुये जिला अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार मिश्रा द्वारा न्यायालय में प्रकरण का अभियोजन संचालन स्वयं करते हुये आवष्यक साक्षियों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियुक्त के विरूद्ध प्रभावी अभियोजन कार्यवाही की गई। न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला श्री आर.पी.सिंह द्वारा अभियोजन साक्षियों के कथनों तथा अभियोजन द्वारा प्रस्तुत किये गये तर्कों को विष्वसनीय पाते हुये अभियुक्त चन्द्रषेखर दुबे को भा..वि. की धारा 302 में आजीवन कारावास एवं  कुल 20000/-रू(बीस हजार रूपये) के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार मिश्रा द्वारा यह भी बताया गया कि, विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी जघन्य एवं सनसनीखेज के सभी आपराधिक मामलों में अभियोजन अपराधियों को दोषसिद्ध एवं दण्डित कराने में शत-प्रतिषत सफल रहा है।


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