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Wednesday, July 21, 2021

मण्डला : कृषि विज्ञान केन्द्र में अमृत महोत्सव के अंतर्गत ’’हर मेड पर पेड‘‘ की थीम पर पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया

मण्डला - कृषि विज्ञान केन्द्र मण्डला में आई.सी.ए.आर स्थापना दिवस के अवसर एवं अमृत महोत्सव के अंतर्गत ’’हर मेड पर पेड‘‘ की थीम पर पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र मण्डला के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ विशाल मेश्राम के मार्गदर्शन में किया गया जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के सभी स्टाॅफ एवं कृषक संगोष्ठी में आये कृषकों द्वारा नीम एवं मुनगा का पौधरोपण किया गया और 40 कृषको को मुनगा एवं नीम के पौधों का वितरण करते हुए उन्नत कृषि की जानकारी दी गई। केंद्र प्रमुख डॉ विशाल मेश्राम द्वारा पौधरोपण की वैज्ञानिक तकनीकी के बारे विस्तार से बताया गया तथा साथ ही वृक्षारोपण से पर्यावरण पर होने वाले सकारात्मक पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गया, उन्होंने कहा कि पर्यावरण शब्द का शाब्दिक अर्थ है ‘‘वह आवरण जो हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं या आवृत्त किए हुए है।’’ 

पर्यावरण से तात्पर्य हमारे चारों ओर के उस वातावरण या परिवेश से है जिससे हम घिरे हुए हैं। इस प्रकार प्रकृति में हमारे चारों ओर पाए जाने वाले समस्त जीव जैसे पेड़, पौधे, जीव  जंतु तथा अजैविक तत्व जैसे वायु, जल एवं मृदा इत्यादि सभी मिलकर हमारे पर्यावरण की रचना करते है। दूसरे शब्दों में पर्यावरण वह सब कुछ है जो प्राणी को चारों ओर से घेरे हुए है और उसे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर रहा है। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ आर पी अहिरवार ने ने कहा कि पेड़ पौधे हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं। पर्यावरण संतुलन से जीवन को ताकत मिलेगी तथा पौधों के बचने से ही हमारे जीवन की सुरक्षा की गारंटी मिलती है। यदि पौधे नहीं रहेंगे, तो जीवन पर संकट उत्पन्न हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि जंगलों की अंधाधुंध कटाई के कारण भी पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। इसलिए सभी लोगों को जागरूक होकर पौधरोपण करने की जरूरत है। जिससे पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। पर्यावरण प्रदूषण देश के समक्ष एक खतरा के रूप में उत्पन्न हुआ है जिससे  बचने के लिए पौधरोपण जरूरी है। पर्यावरण प्रदूषण प्राकृतिक आपदाओं का कारण बन रहा है। पर्यावरण संतुलन से ही प्राकृतिक आपदाओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है। केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डाॅ. प्रणय भारती द्वारा वर्षा ऋतु में पशुओं की बीमारिया उपचार एवं पषुओं की देखभाल कैसे करें की जानकारी प्रदान की, कमल पन्द्रे द्वारा उद्यानिकी फसलों की उन्नत तकनीकी की जानकारी और साथ ही केन्द्र की कार्यक्रम सहायक कु. केतकी धूमकेती द्वारा किचन गार्डन एवं पोषण वाटिका के महत्व पर चर्चा की एवं शरद मिश्रा, कान्हा प्रोड्यूसर कंपनी के सी.इ.ओ. रंजीत कछवाहा ने भी अपने विचार रखे। प्रशिक्षण पश्चात केन्द्र के प्रक्षेत्र में वैज्ञानिकों एवं अतिथियों द्वारा नीम के पौधों का वृक्षारोपण किया गया। कार्यक्रम के आयोजन में कोरोना प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए टीकाकरण के लिए जागरूक किया गया। 

कार्यक्रम में केन्द्र द्वारा प्रकाषित त्रिमासिक पत्रिका जवाहर कृषि संदेष का वितरण किया गया। मोबाइल का उपयोग करने वाले किसानों को मोबाइल सलाहकार सेवा से जोडा गया। आनॅलाईन प्रषिक्षण एवं आॅफ लाईन कृषकों का प्रषिक्षण किया गया जिसमें 65 कृषकों की सहभागिता रही कृषक प्रषिक्षण में मुख्यतः स्वस्थ्य पर्यावरण हेतु वृक्षारोपण अवर्षा की स्थिति में समसामयिक सलाह प्रदाय की गई वैज्ञानिकों द्वारा आॅनलाईन एवं आफलाईन जुड़े कृषकों की शंकाओं का समाधान किया गया।


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