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Thursday, July 29, 2021

मण्डला : कोदो कुटकी, गौंड़ी पैंटिंग सहित स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करें

एक जिला, एक उत्पादके संबंध में बैठक संपन्न

मण्डला - एक जिला एक उत्पादके संबंध में आयोजित बैठक में कलेक्टर हर्षिका सिंह ने निर्देशित किया कि कोदो-कुटकी, गौंड़ी पैंटिंग सहित अन्य स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाए। कोदो-कुटकी के उत्पादों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए स्थलों का चयन कर समुचित कार्यवाही करें। उन्होंने कोदो-कुटकी के उत्पादों के व्यवसाय के लिए स्व-सहायता समूहों के चिन्हांकन करने के भी निर्देश दिए। बैठक में डीडीए, नाबार्ड प्रबंधक तथा एसीईओ उपस्थित थे। कलेक्टर ने कहा कि इन उत्पादों के लिए विभिन्न क्षमता वाली बेकरी यूनिट लगाने की योजना बनाएं। उन्‍होंने उपसंचालक कृषि विकास तथा किसान कल्याण को निर्देशित किया कि कोदो-कुटकी की उपज तथा क्षेत्र बढ़ाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। इसी प्रकार रेशम की साड़ियों का उत्पादन बढ़ाया जाए। इस व्यवसाय में स्व-सहायता समूह तथा अन्य लोगों को भी प्रशिक्षित कर जोड़ा जाए। साड़ियों पर गौंड़ी पैंटिंग के कार्य को प्रोत्साहित करें। अन्य लोगों को भी इस कार्य से जोड़ने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि मॉस्क, स्टेशनरी सहित अन्य वस्तुओं पर भी गौंड़ी पैंटिंग का उपयोग करें। कलेक्टर हर्षिका सिंह ने कहा कि तुलसी सहित अन्य औषधीय उपजों का संग्रहण कर जिले में ग्रीन टी आदि का उत्पादन प्रारंभ कराया जाए। कलेक्टर ने स्थानीय उत्पादों को भोपाल, जबलपुर सहित अन्य महानगरों के मॉल तथा हॉट में प्रदर्शित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्थानीय सभी उत्पादों की ऑनलाईन बिक्री के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। कलादीर्घा में रेशम साड़ियां तथा स्व-सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित करने के निर्देश दिए।

 

किसानों को उत्पादक संगठनों से जोड़ें, उन्हें प्रोत्साहित करें

बैठक कलेक्टर हर्षिका सिंह ने कहा कि जिले में एक जिला एक उत्पादके तहत् कोदो-कुटकी एवं अन्य फसलों के प्रोत्साहन के लिए अधिक से अधिक किसानों को कृषक उत्पादक संगठनों से जोड़ें। किसानों से चर्चा कर उन्हें संगठनों से जुड़ने प्रोत्साहित करें, उनका रजिस्ट्रेशन करते हुए नवाचार के लिए उनमें विश्वास जगाएं। श्रीमती सिंह ने कहा कि किसानों को कोदो-कुटकी की मार्केटिंग की जानकारी भी दें। बीजाडांडी तथा मवई क्षेत्रों में विशेष रूप से किसानों से चर्चा कर उन्हें कोदो-कुटकी एवं नगदी फसलों के बारे में जानकारी देते हुए आवश्यकतानुसार उन्हें एक्सपोजर विजिट भी कराएं। कलेक्टर ने कहा कि किसानों को उद्यानिकी गतिविधियों से भी जोड़ें ताकि उनकी आय में वृद्धि हो सके। इसी प्रकार शहद तथा बांस के व्यवसाय के बारे में भी कृषकों को जोड़ें।


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