मण्डला - अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला आर.पी.सिंह द्वारा सत्र प्रकरण क्रमांक 68/18 शासन विरूद्ध शिवकुमार ताराम के मामले में दिनांक 19.07.2021 को निर्णय पारित कर अभियुक्त शिवकुमार ताराम को अपनी पत्नि की हत्या करने के आरोप में भा.द.वि. की धारा 302 में दोषसिद्ध पाते हुये उसे आजीवन कारावास एवं 5000/- अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। जिला अभियोजन अधिकारी मण्डला अरूण कुमार मिश्रा द्वारा बताया गया कि, प्रकरण थाना महाराजपुर से के अ.क्र. 261/18 से संबंधित है। थाना प्रभारी निरीक्षक संदीप पवार द्वारा दिनांक 06.07.2018 को सुबह 8.34 बजे ग्राम पूरवा में सुखलाल कछवाहा के खेत पर महिला की लाष मिलने की सूचना प्राप्त होने पर घटनास्थल पर जाकर प्रार्थी प्रकाष कछवाहा के बताये अनुसार घटना की रिपोर्ट दर्ज की गई। प्रकाष कछवाहा द्वारा रिपोर्ट करवाते समय यह बताया गया कि, ग्राम पूरवा में उसका खेत है, जहां पर शिवकुमार ताराम अपनी पत्नि कमला के साथ खेत में बनी मडिया में रहकर खेत की चैकीदारी करता है। सुबह 7 बजे शिवकुमार द्वारा घर पर आकर यह बताया गया कि, रात में 8 बजे खाना खाते समय पत्नि कमला के साथ विवाद होने पर उसने कमला के सिर पर कुल्हाडी मारकर उसकी हत्या कर दी है। निरीक्षक संदीप पवार द्वारा मौके पर शव पंचनामा कार्यवाही की गई तथा मृतिका के शव का पीएम जिला चिकित्सालय मण्डला से कराया गया। अभियुक्त शिवकुमार ताराम से पूछताछ करने पर उसने हत्या में प्रयुक्त छिपायी गई कुल्हाडी तथा खून लगे हुये अपने कपडे और मृतिका के कपडे निकालकर पेष किया गया, जिसे पुलिस द्वारा जप्त कर विधिविज्ञान प्रयोगषाला सागर से जप्त किये गये सामग्री का डीएनए परीक्षण कराया गया। निरीक्षक संदीप पवार द्वारा घटना के संबंध में गवाह कृष्णकुमार कछवाहा एवं अन्य गवाहों से पूछताछ कर उनके कथन लेखबद्ध किये गये। पुलिस अधीक्षक मण्डला द्वारा मामले को जघन्य सनसनीखेज प्रकरण मानते हुये विवेचना कार्यवाही की सतत निगरानी की गई। विवेचना कार्यवाही में अपनी पत्नि कमला ताराम की हत्या करने के आरोप को प्रमाणित पाये जाने पर अभियुक्त शिवकुमार ताराम के विरूद्ध भा.द.वि. की धारा 302 के अंतर्गत अभियोगपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला आर.पी.सिंह द्वारा अभियोजन साक्षियों के कथनों को विष्वसनीय मानते हुये अभियुक्त शिवकुमार ताराम को भा.द.वि. की धारा 302 में दोषसिद्ध पाते हुये उसे आजीवन कारावास एवं 5000/- के अर्थदण्ड के कठोर दण्ड से दण्डित किया गया। शासन की ओर से प्रकरण की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी अरूण कुमार मिश्रा के द्वारा की गई।
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