जबलपुर - हिंदू धर्म का इतिहास 12 करोड़ वर्ष से भी अधिक पुराना है। ऐसे में राजनीतिक लाभ लेने और वोट पाने के लिए देशवासियों का DNA एक बताना सही नहीं है। अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद इसका पुरजोर विरोध करती है। सभी को यह स्वीकार करना चाहिए कि भारत एक हिंदू राष्ट्र हैं।
उक्त विचार अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद की दो दिवसीय कार्यशाला में मुख्य अतिथि संगठन के राष्ट्रीय मंत्री प्रदीप गौर ने व्यक्त किए ग्वारी घाट जबलपुर में हुई कार्यशाला में महाकौशल प्रान्त के 18 जिलों के दो सौ पदाधिकारियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि संगठन के राष्ट्रीय मंत्री प्रदीप गौर ने कहा कि हिन्दू धर्म का इतिहास लगभग बारह करोड़ पांच लाख तैतीस हजार वर्ष पुराना है,
जबकि तथाकथित सत्ता के समर्थक अपने आप को सांस्कृतिक संगठन कहने वाले लोग हमारी तुलना चौदह सौ वर्ष पुराने धर्म से करते हैं और कहते हैं कि उनके बगैर हिन्दू धर्म का अस्तित्व संभव नहीं और अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण कर यूपी चुनाव में वोट पाने के लिए ये तक कहने लगे है कि हम सबका DNA एक है, जो कि झूठ है,
हिन्दुओं के साथ छल है, जिसे हम स्वीकार नहीं करेंगे। दूसरे दिन मुख्य अतिथि राष्ट्रीय छात्र परिषद के महामंत्री सचिन सिंह बघेल ने कहा कि जिन कारणों से भारत खंडित हुआ पुनः वही राजनैतिक वातावरण देश की सत्ता देश के बहुसंख्यक को धोखा देकर बना रही है। उन्होंने सर सैयद अहमद खां का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत की राष्ट्रीयता हिन्दू हैं, जिसे मुसलमानों को भी स्वीकारना चाहिए, जबकि ऐसा नहीं था,
वे सिर्फ ये बात हिन्दुओं से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए चंदा मांगते वक्त करते थे। वह जब मुस्लिमों के बीच जाते तो कहते थे काफिरों पर हमने एक हजार साल राज किया है, जिसे हमें पुन: स्थापित करना है।
इसी का पुनरावर्तन हो रहा है। उन्होंने जनसंख्या असंतुलन के कारण आने
वाले वर्षों में आने वाली चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला। कार्यशाला का संचालन डॉ.
बीएल सिंह चंदेल ने किया। आभार प्रांत के कार्यकारी अध्यक्ष राजू चारनागर ने माना।

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