मण्डला - कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. विशाल मेश्राम के मार्गदर्शन में भारत की आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत किसानों के लिये खाद्य एवं पोषण पर एक दिवसीय महिला कृषक संघोष्ठी कार्यक्रम अंगीकृत ग्राम डुगरिया एवं कृषि विज्ञान केन्द्र मण्डला में कृषक संघोष्ठी में किसानों को मशरूम उत्पादन एवं सब्जी उत्पादन विषय पर प्रशिक्षण दिया गया साथ ही माननीय केन्द्रीय कृषि नरेन्द्र सिंह तोमर के उद्बोधन का सीधा प्रसारण से जिले के किसान लाभांवित हुये। केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. आर.पी. अहिरवार के द्वारा किसानों के पोषण सुरक्षा हेतु मशरूम की खेती से अवगत कराया गया साथ ही मशरूम में उपस्थित पोषण तत्व के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान ग्रामीणों को बताया कि पिछले कुछ वर्षों में किसानों का रुझान मशरूम की खेती की तरफ तेजी से बढ़ा है, मशरूम की खेती बेहतर आमदनी का जरिया बन सकती है। बस कुछ बातों का ध्यान रखना होता है मशरूम की खेती के लिए किसान कृषि विज्ञान केंद्र मण्डला में प्रशिक्षण ले सकते हैं।
उन्होंने कहा कि तीन तरह के मशरूम का
उत्पादन होता है अभी सितम्बर महीने से 15 नवंबर तक ढ़िगरी मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं, इसके बाद आप बटन मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं, फरवरी-मार्च तक ये फसल चलती है, इसके बाद मिल्की मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं जो जून जुलाई तक चलता है। इस
तरह आप साल भर मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं। इसी तारतम्य में केन्द्र के पशु पालन
वैज्ञानिक डॉ. प्रणय भारती खाद्य एवं पोषण को ध्यान में रखते हुये ए1 एवं ए2 दूग्ध के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। केन्द्र की कार्यक्रम सहायक
कु. केतकी धूमकेती के द्वारा ग्राम डुगरिया में महिला कृषक संघोष्ठी में पोषण
वाटिका के महत्व को विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई उन्होंने बताया कि महिला एवं
पुरूष को प्रतिदिन आहार में हरी सब्जियां 125 ग्राम, जड़ एवं कंद वाली सब्जियां 75 ग्राम एवं अन्य सब्जियां 75 ग्राम लेने की आवश्यकता पडती है। अतः घर पर पोषण
वाटिका लगाने हेतु प्रेरित किया गया। जिससे ताजी एवं रासायनिक मुक्त सब्जियां प्राप्त
हो सकें।
No comments:
Post a Comment