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Friday, May 13, 2022

भाजपा ओबीसी का आरक्षण खत्म करने का षड्यंत्र रच रही है, लेकिन कांग्रेस हर हाल में ओबीसी को अधिकार दिलाएगी

मण्डला- मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 11 मई 2022 को घोषणा की कि पार्टी ने तय किया है कि आने वाले निकाय चुनाव में पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग के 27 प्रतिशत प्रत्याशियों को टिकट देगी। कमलनाथ ने यह घोषणा ऐसे समय पर कि जब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी के आरक्षण के बिना चुनाव कराने का फैसला इसलिए किया क्योंकि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने माननीय अदालत के सामने ओबीसी के बारे में भ्रामक व आधे अधूरे तथ्य प्रस्तुत किये। कमलनाथ ने राज्य सरकार से यह भी कहा है कि वह प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से संविधान में संशोधन करने का आग्रह करे ताकि अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को उनका संवैधानिक अधिकार मिल सके। ओबीसी वर्ग के हित में उठाए गए इस ऐतिहासिक कदम के लिए हम माननीय कमलनाथ का आभार व्यक्त करते हैं। प्रदेश का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने ही ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था। आज विपक्ष में होने के बावजूद वह ओबीसी वर्ग को उसका संवैधानिक अधिकार दे रहे है। इससे पता चलता है कि कमलनाथ की नियत सामाजिक न्याय करने की है। जबकि सत्ता में बैठे लोग सिर्फ बहानेबाजी करके ओबीसी हितेषी होने का पाखंड कर रहे हैं, जबकि असल में उनका चरित्र आरक्षण विरोधी है। यह सर्वविदित तथ्य है कि मध्य प्रदेश और पूरे देश में अन्य पिछड़ा वर्ग का हित करने का काम हमेशा कांग्रेस पार्टी ने किया है। आज भी भारतीय जनता पार्टी ने ओबीसी आरक्षण को समाप्त करने का षड्यंत्र किया है। ओबीसी आरक्षण समाप्त कराने के लिए शिवराज सरकार पहले जानबूझकर असंवैधानिक अध्यादेश लेकर आई और बाद में न्यायालय के दबाव में इस असंवैधानिक अध्यादेश को वापस लिया। भाजपा की सरकार ने ओबीसी के खिलाफ यह जो काम किया है वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी के गुप्त एजेंडे का हिस्सा है। कांग्रेस पार्टी ने जब भी ओबीसी वर्ग को कोई अधिकार दिया है तब तब बीजेपी ने चोर रास्ते से ओबीसी से वह अधिकार छीनने का काम किया है। 2003 में कांग्रेस की सरकार ने ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर 14 प्रतिशत से 27 प्रतिशत किया था। लेकिन उसके बाद से बनी बीजेपी सरकारों ने अगले 15 साल में अदालतों में एकदम खराब पैरवी करके ओबीसी के 27 प्रतिशत आरक्षण को समाप्त हो जाने दिया। 2018 में जब कमलनाथ के नेतृत्व में फिर से कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेसी सरकार ने ओबीसी को एक बार फिर से 27 प्रतिशत आरक्षण दिया। इस आरक्षण को वर्तमान शिवराज सिंह चौहान सरकार अदालतों में गलत तथ्य रखकर धीरे-धीरे खत्म करती जा रही है। माननीय कमलनाथ की इस घोषणा से यह स्पष्ट हो गया है कि ना सिर्फ निकाय चुनाव में कांग्रेस पार्टी शानदार प्रदर्शन करेगी, बल्कि आरक्षण समाप्त होने के बावजूद कांग्रेस पार्टी के प्रयासों से ओबीसी वर्ग के अधिक से अधिक प्रतिनिधि निकायों में चुनकर आएंगे। सभी समाजों के साथ समानता का व्यवहार करना और सब को संविधान के मुताबिक अधिकार प्रदान करना कांग्रेस पार्टी की नीति का अभिन्न हिस्सा है। सामाजिक न्याय की लड़ाई को नई ऊंचाई देने के लिए कमलनाथ का बहुत-बहुत आभार।


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