शुभम् झा मोहगाँव, मंडला
मंडला. वर्तमान में जनसँख्या वृद्धि के साथ
भारतीय कृषकों की सीमित भूमि एक विकट समस्या है जहाँ कृषि से अधिक उपज प्राप्त हो पाने
के लिए आकर्षित प्रारूपों को स्थापित करने की जरूरत है। इसी दिशा में उदाहरण
स्थापित करते हुए प्रदान संस्था और आजीविका मिशन टीम के संयुक्त प्रयास से मोहगाँव
विकासखण्ड में बहुपरत खेती के 10 प्रदर्शन प्लॉट सफलतापूर्ण तरीके से स्थापित किए
गए हैं। बहुतपरत कृषि प्रणाली से आधा एकड़ ज़मीन से ही साल भर में सत्तर हज़ार रुपयों
तक की कमाई संभव है और इस प्रणाली के सकारात्मक नतीजे देखने के बाद अब इसे
विकासखण्ड के सैकड़ों किसानों तक ले जाने का उद्देश्य है।
उन्नत कृषि को
लेकर वरदान संकुल के दृष्टिकोण द्वारा और वित्तीय संसाधन का उपयुक्त प्रयोग करते
हुए दिसंबर माह से इस गतिविधि पर काम किया जा रहा है। बहुपरत कृषि प्रणाली के 10
प्रारूप स्थापित करने हेतु कुछ किसानों का चयन कर उन्हें इस विधि को सिखाने के लिए
कई कृषि पाठशालाओं का आयोजन किया गया। फरवरी माह से सभी कृषकों ने इसपर काम करना
शुरू किया और 4 महीनों में ही लगभग बीस हज़ार रुपए कमा चुके हैं।
ये प्लॉट औसतन 30 से 50 डेसिमल क्षेत्रफल के हैं। इनमें किसानों
ने चार परतों में फसल लगाई है: कंद या फिर टमाटर- भटा, भाजी, लतर, और फलदार वृक्ष। योजना के अनुसार सारी
गतिविधियां प्राकृतिक खेती के नियमों का पालन करते हुए की गई हैं जिससे उपज और
मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ते हुए देखने को मिली है। घर के लिए रसायन-रहित पौष्टिक
सब्ज़ी उपलब्ध कराने के अतिरिक्त इस विधि से सभी किसानों के लिए आर्य वर्धन का एक
नया नमूना स्थापित हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ये कृषि पद्धति पर्यावरण
की दृष्टि से भी लाभकारी है। आने वाले समय में इस पद्धति को सैकड़ों किसानों तक
पहुंचाए जाने का उद्देश्य है।
इस सफलता का
सारा श्रेय हमारे मेहनती महिला किसानों के अतिरिक्त आजीविका और प्रदान संस्था के
सामंजस्य और बेहतरीन समन्वय को जाता है। एसआरएलएम टीम; माननीय जिला परियोजना
प्रबंधक बी डी भाईसारे, कृषि जिला प्रबंधक सौरभ उपाध्याय, ब्लॉक परियोजना
प्रबंधक मुकेश नंदा, संकुलसमन्वयक संतोष, शासकीय संकुल दल, और प्रदान संस्था के कृषि
विशेषज्ञ सोहन के सहयोग से ही ये सब संभव हो सका है। आशा है हम आने वाले समय
में मंडला में आजीविका वर्धन की ऐसी ही और भी गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
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