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Thursday, July 7, 2022

बलात्संग के आरोपी को आजीवन कारावास

मंडला - न्यायालय विशेष न्यायाधीश लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मण्डला द्वारा आरोपी विद्याशंकर कुशवाहा पिता कमलेश कुशवाहा उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम अरजनीपुर थाना नुनहरा जिला गाजीपुर उ. प्र. को धारा 376 ( 2 ) (ढ) भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000/-रू के अर्थदण्ड, धारा 6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/-रू के अर्थदण्ड धारा 3 ( 2 ) 5 एसी / एसटी एक्ट के अपराध में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 5000/-रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। प्रकरण के संबंध में बताया गया कि दिनांक 07.12.2013 को अभियोक्त्री की मां के द्वारा थाना घुघरी में अपनी पुत्री अभियोक्त्री उम्र 17 वर्ष की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी जिसके बाद जांच उपरांत दिनांक 28.10.2014 को अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई दौरान विवेचना अभियोक्त्री को दस्तयाब कर मेडिकल परीक्षण कराया गया अभियोक्त्री ने अपने कथन में बताया कि अभियुक्त पंकज और कपिल के साथ वह रामनगर चली गई थी क्योंकि दोनों ने कहा था कि रामनगर में तुम्हारी मम्मी ने बुलाया है रामनगर में अभियुक्त विद्याशंकर उसे अपने साथ चलने को कहा मना करने पर मारने पीटने को हो रहे थे डर के कारण मोटर साईकिल में बैठकर विद्याशंकर के साथ मण्डला चली गई थी विद्याशंकर उसे जबलपुर से ट्रेन में बिठाकर अरजनीपुर उ०प्र० ले गया था 4-5 माह उसे अपनी दीदी के घर पर पत्नि बनाकर रखा था और वही पर जबरन बलात्कार गलत काम करने लगा इसके 01 साल बाद अभियुक्त विद्याशंकर अभियोक्त्री की नानी के घर में छोड़कर वापस अरजनीपुर उ०प्र० चला गया था अभियुक्त विद्याशंकर ने उसकी जिदंगी बरबाद कर दी है उक्त कथन के आधार पर अभियुक्तगण के विरूद्ध विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। दौरान विचारण अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये माननीय न्यायालय विशेष न्यायाधीष लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 चतुर्थ अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मण्डला द्वारा आरोपी विद्याशंकर कुशवाहा पिता कमलेश कुशवाहा उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम अरजनीपुर थाना नुनहरा जिला गाजीपुर उ. प्र. को धारा 376 (2) (ढ) भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 /- रू के अर्थदण्ड, धारा 6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000/-रू के अर्थदण्ड एवं 3 ( 2 ) 5 एसी / एसटी एक्ट के अपराध में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास एवं 5000 /- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी प्रतिभा तारन द्वारा की गई।

 


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