मंडला - माननीय
न्यायालय चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला द्वारा आरोपी हनी उर्फ नरेश पंजवानी
पिता सुंदरलाल पंजवानी उम्र 23 वर्ष निवासी
आईटीआई रसैयादोना आमानाला थाना मण्डला जिला मण्डला को धारा 7/8 पाॅक्सो एक्ट
के अंतर्गत दोषी पाते हुये अभियुक्त हनी उर्फ नरेश पंजवानी को 03 वर्ष का सश्रम
कारावास एवं 1000/-रू के अर्थदण्ड
से दण्डित किया गया है। प्रकरण के संबंध
मे बताया गया है कि अभियोक्त्री उम्र 16 साल ने दिनांक-10.12.2020 को थाना मण्डला में अभियुक्त के विरूद्ध
इस आशय की लिखित रिपोर्ट लेख करायी कि उसकी जन्म तारीख 23.12.2004 है, दिनांक-10.12.2020 को रात्रि करीब
08ः00 बजे वह अपने घर
पर थी, तभी उसके घर के
सामने कोई लड़का उसका नाम लेकर गंदी-गंदी गालियाॅ देकर बोल रहा था कि-‘‘तू घर से बाहर
निकल‘‘। अभियोक्त्री
बाहर निकली तो अभियुक्त ने बुरी नियत से उसके बाॅए हाथ को जोर से पकड़ लिया और कहने
लगा कि वह उससे प्यार करता है, वह उससे बात
क्यों नही करती, जब वह पेपर देने
जायेगी स्कूल तो उसे रास्ते से उठा लेगा और यदि अब उससे बात नही की तो उसे जान से
खत्म कर देगा, जिस पर
अभियोक्त्री जोर से चिल्लाकर रोने लगी तो उसकी आवाज सुनकर अभियोक्त्री की मां व
बडी बहन बाहर निकली तो उन्हें देखकर अभियुक्त हनी पंजवानी दौड़ लगाकर भाग गया।
अभियुक्त हनी को भागते हुयें अभियोक्त्री की मां और बहन ने देखा है, फिर अभियोक्त्री
ने घटना की बात अपनी माॅ, बहन, पापा और बुआ को
बतायी तथा मम्मी-पापा के साथ रिपोर्ट लिखाने आयी है, अभियुक्त हनी पंजवानी के द्वारा गंदी गालियाॅ देकर जान से
मारने की धमकी देकर बुरी नियत से छेड़खानी की गई है, जिससे बाएॅ हाथ में जोर से पकड़ने से दर्द हो रहा है।
अभियोक्त्री के उक्त लिखित रिपोर्ट के आधार पर अभियुक्त हनी पंजवानी के विरूद्ध
अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई। थाना मण्डला पुलिस द्वारा उक्त प्रकरण
की संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र तैयार कर माननीय न्यायालय के समक्ष
प्रस्तुत किया गया जिस पर विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य
का मूल्यांकन कर एवं प्रस्तुत किये गये तर्क से सहमत होते हुये माननीय न्यायालय
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश मण्डला द्वारा आरोपी हनी उर्फ नरेश पंजवानी पिता
सुंदरलाल पंजवानी उम्र 23 वर्ष निवासी
आईटीआई रसैयादोना आमानाला थाना मण्डला जिला मण्डला को धारा 7/8 पाॅक्सो एक्ट
के अंतर्गत दोषी पाते हुये अभियुक्त को 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000/-रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।
प्रकरण में पैरवी वरिष्ठ सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्रीमति प्रतिभा तारन
द्वारा की गई है।
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