मण्डला। जिले में 5 सिम्बर को
शिक्षक दिवस मनाया जा रहा था, वहीं एक शिष्य ने शिक्षिका का सम्मान करने उनके घर पहुंचे। उक्त
शिष्य को देखकर शिक्षक भावुक हुई और आंखें भर आई। वैसे शिक्षक दिवस स्कूल कॉलेज
में मनाया जाता है, लेकिन इस तरह का शिक्षक शिक्षिका का सम्मान बहुत कम देखने व
सुनने में आता है। हम बात कर रहे हैं उस शिक्षिका के सम्मान की जो विचारक व वरिष्ठ
पत्रकार भी हैं एवं सुलझी विचार धारा की आज भी है। जो कि नर्मदा जी वार्ड मण्डला
निवासी है। उस समय स्थित हतप्रद सी हो गई जब एक अप्रत्याशित घटना घटी एक बहुत
पुराना विद्यार्थी अपनी शिक्षिका को सम्मानित करने के लिए उनके घर सम्मान
चिन्ह लेकर पहुंच गया, जो कि देखने पर वह 45-47 वर्ष का विद्यार्थी अपनी बुजुर्ग शिक्षिका
के प्रति बहुत अहोभावपूर्ण सम्मान से भरा था, उसके ऑखों में उन शिक्षिका के प्रति
अप्रतिम सम्मान रूपी सौंदर्य था। हम बात कर रहे हैं मण्डला के ज्ञानदीप स्कूल की
लगभग 30-35 वर्ष पुरानी
बात जब आभा अग्रवाल रसायन विज्ञान की शिक्षिका थी और उन तमाम विद्यार्थी जो कि
मण्डला के ही हैं, बड़े-बड़े व्यवसाय इत्यादि कर रहे हैं। उनमें से एक विद्यार्थी
का नाम अब्दुल गफ्फार कुरैशी है जो मण्डला नगर के ही दाता प्रिटिंग प्रेस के मालिक
हैं उन्होंने शिक्षक दिवस के रूप में अपनी शिक्षिका आभा अग्रवाल नर्मदा वार्ड अपने
पुत्र के साथ आकर सिर झुकाकर सम्मान भेंट किया। यह भारतीय दर्शन का अद्वितीय
उदाहरण है। आभा के प्रति गजब का सम्मान उनके पढ़ाये हुए लड़कों के आंखों में देखा
है उनकी दुकान में जाने पर उनके विद्यार्थी आज भी सम्मानपूर्वक खड़े हो जाते हैं।
आज भी आदर का भाव है यह भारतीय दर्शन का अद्वितीय उदाहरण है। विद्यार्थी अब्दुल
गफ्फार ने इस सम्मान के प्रचार-प्रसार के लिए मना किया, लेकिन विलम्ब
से यह जानकारी सामने आई। विदित हो कि आभा अग्रवाल पिछले 20-25 वर्षो से नवीन
प्रेस मण्डला से प्रकाशित मेकलवाणी नामक समाचार पत्र का सम्पादन करती रही हैं
जिसकी प्रत्येक प्रति आज भी सुरक्षित है शिष्य ने अपनी बात इस तरह से गीत के
माध्यम से रखी आया है मुझे फिर याद वो प्यारा गुजरा जमाना बचपन का अब्दुल गफ्फार
कुरैशी।
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