रिपोर्ट - प्रहलाद कछवाहा
मण्डला - जिले में संक्रामक बीमारी
के साथ अब स्क्रब टाइफस का खतरा बढ़ गया है़, जिले के विकासखंड नारायणगंज के ग्राम बरौंची
में इस बीमारी का एक महिला मरीज मिली है। बता दें कि स्क्रब टाइफस यह कृमि संक्रमण
बीमारी है, यह बीमारी आरेंटिया
सुटसुमुशी जीवाणु के कारण होती है। यह जीवाणु चिगार माइट नाम के किट पर बढ़ती है़।
यह कीट झडिय़ों व चूहे के शरीर पर बढ़ते है। पशुओं पर भी यह कीट पाये जाते है जो
मनुष्य के शरीर पर काटने से स्क्रब टाइफस की बीमारी फैलती है। इस बीमारी से बचने
के लिए झाडिय़ों को साफ करना जरूरी है और सर्तक रहने की जरूरत है।
जानकारी अनुसार विकासखंड नारायणगंज के ग्राम बरौंची में एक 35 वर्षीय महिला विगत रविवार को
नारायणगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उपचार के लिए पहुंची। जहाँ मरीज की स्थिति
को देखते हुए चिकित्सक ने महिला को जिला चिकित्सालय मंडला रैफर कर दिया। जिला
चिकित्सालय मंडला में भी बीमार महिला के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे जबलपुर मेडिकल
रैफर कर दिया गया। जहां जबलपुर मेडिकल में चिकित्सक ने मरीज में स्क्रब टाइफस के
कुछ लक्षण दिखाई दिए। लक्षण की पुष्टि के लिए महिला मरीज का सेम्पल लैब भेजा गया।
वहां से इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव होने की पुष्टि की गई। यह बीमारी चूहों के ऊपर पाई
जाने वाली संक्रमित घुन के लार्वा में होता है।
स्वास्थ्य अमला पहुंचा ग्राम बरौंची :
35 वर्षीय महिला की रिपोर्ट
पाजिटिव आने के बाद मंडला का स्वास्थ्य अमला जिले के नारायणगंज ब्लाक के ग्राम
बरौंची पहुंच गया। स्वास्थ्य अमले के साथ नारायणगंज का स्टाफ शामिल रहा। स्वास्थ्य
अमले की टीम द्वारा गांव का भ्रमण किया गया और पूरे क्षेत्र का सर्वे किया गया। इस
दौरान स्वास्थ्य टीम ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई। ग्राम के लोगों से
अपील की गई है कि घबराएं नहीं और जरूरी सावधानी रखें। लक्षण दिखने पर तत्काल
चिकित्सक को दिखाएं। प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट रहने के निर्देश दिए
गए हैं। वर्तमान में मंडला जिले के नारायणगंज ब्लाक के ग्राम बरौंची में इसका केस
मिला हैं।
06 व्यक्तियों के लिए सेम्पल :
बताया गया कि नारायणगंज के ग्राम बरौंची की रहने वाली 35 वर्षीय महिला के स्क्रब
टाइफस की रिपोर्ट पॉजीटिव आने के बाद स्वास्थ्य अमला बरौंची ग्राम पहुंचा। जहां
स्वास्थ्य अमले ने पूरे क्षेत्र का अच्छे से सर्वे किया। इसके साथ संक्रमित महिला
के संपर्क में आने वाले सभी छह लोगों का सेम्पल लिया गया। इनके सेम्पल को जबलपुर
भेजा गया है। जहां रिपोर्ट आने के बाद इसकी जानकारी प्राप्त होगी। फिलहाल ग्राम
में अन्य किसी को इस रोग के लक्षण नहीं मिल है।
स्क्रब टाइफस बीमारी के लक्षण :
स्क्रब टाइफस की बीमारी के लक्षण में व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर का जकडऩा, शरीर पर जख्म, खुजली होना व शरीर पर चट्टे
आ जाते है। स्क्रब टाइफस के लक्षण पाये जाने पर तत्काल अस्पताल में अपनी स्वास्थ्य
जांच करानी चाहिए, इस बीमारी से बचने के लिए
शरीर में इस तरह के कपड़े पहने की पूरा शरीर ढका होना चाहिए। मकान व आसपास, पड़ोस के परिसर में झाडिय़ां
नष्ट कराना चाहिए। जिससे इस बीमारी से बचा जा सके।
बीमारी से बचने बरतें सावधानी :
स्क्रब टाइफस बीमारी से बचने के लिए मकान में चूहे व अन्य
पशुओं से दूर रहें, मकान में साफ सफाई पर विशेष
ध्यान रखना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र में मकान के पड़ोस में पशुओं के तबेले होते है, वहां पर भी साफ सफाई का
विशेष ध्यान रखना चाहिए। बीमारी के लक्षण पाये जाने पर चिकित्सक को आवश्य दिखाएं।
कीट पर नियंत्रण रखा जाए, घरेलू इलाज न करें। सभी
सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी की दवाइयां उपलब्ध है। इस बीमारी से डरें नहीं, बल्कि सतर्कता बरतें की सलाह
स्वास्थ्य विभाग ने दी है।
बीमारी से डरें नहीं, सतर्क रहें :
स्क्रब टाइफस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन लोगों को अपने
स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहना जरूरी है। फिलहाल जिले का स्वास्थ्य अमले की टीम
ग्रामीण क्षेत्रों में फीवर सर्वे करा रही है। इसके लिए अभियान भी चल रहा है। यदि
किसी व्यक्ति में इसके लक्षण पाये जाते है तो तत्काल अस्पताल में पहुंचकर जांच
कराए। इसके साथ मकान परिसर व पशुओं के तबेले में विशेष कर साफ सफाई जरूर रखे।
आसपास की झाडिय़ों को नष्ट करें।
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