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Sunday, March 19, 2023

मां नर्मदा उत्तरवाहिनी परिक्रमा में हजारों श्रृद्धालु हुए शामिल, आज होगा समापन

मंडला- नर्मदा नगरी मंडला में उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा विगत वर्ष से प्रारंभ की गई है। जिसके अंतर्गत महिष्मति मां नर्मदा उत्तरवाहिनी परिक्रमा आयोजन समिति के तत्वावधान में उत्तर वाहिनी नर्मदा परिक्रमा शनिवार को प्रात: प्रारंभ की गई। मंडला नगर के व्यास नारायण मंदिर में संकल्प लेकर यात्रा प्रारंभ की गई। 

दो दिवसीय इस नर्मदा परिक्रमा यात्रा में शामिल श्रृद्धालुओं ने किलाघाट से मां नर्मदा को नाव से पार करके दूसरे तट पर पुरवा स्थित मां सरस्वती प्रस्त्रवण तीर्थ दक्षिण तट पहुंचे। जहां कृष्ण मंदिर में पूजन के बाद नर्मदा बंजर संगम स्थल पर बने  कच्चे पुल को पार करते हुए महाराजपुर संगम से होते हुए घाघी के लिए नर्मदा परिक्रमा पदयात्रा प्रारंभ की।


तीन स्थान पर ही उत्तरवाहिनी है नर्मदा  :

आयोजन समिति ने यात्रा के संदर्भ में बताया कि मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से खंबात की खाड़ी तक मां नर्मदा का प्रवाह कभी उत्तर और कभी दक्षिण दिशा की ओर है। अमरकंटक से खंबात की खाड़ी तक के पूरे नर्मदा क्षेत्र में तीन स्थान ऐसे हैं। 

जहां मां नर्मदा उत्तरवाहिनी हुई हैं। इनमें से एक गुजरात में तिलकवाड़ा, दूसरा मंडला और तीसरा ओंकारेश्वर के पास का स्थान है। गुजरात के तिलकवाड़ा में उत्तरवाहिनी परिक्रमा वर्षो से की जा रही है।


सम्पूर्ण नर्मदा परिक्रमा के बराबर पुण्यदायक :

आयोजन समिति ने बताया कि मंडला में मां नर्मदा के दक्षिण तट में संगम घाट से घाघी तक या उत्तर तट के अनुसार किले घाट से बबैहा तक करीब 21 किमी तक का प्रवाह उत्तर दिशा की ओर है, और चैत्र मास में की गई। उत्तरवाहिनी नर्मदा की परिक्रमा को शास्त्रों में सम्पूर्ण नर्मदा की परिक्रमा के बराबर पुण्यदायक बताया गया है। 

इसी को ध्यान में रखते हुए समिति द्वारा विगत वर्ष से उत्तरवाहिनी परिक्रमा का आयोजन किया जा रहा है। इस बार आयोजित परिक्रमा में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात राजस्थान, दिल्ली सहित प्रदेश भर से करीब 800 लोग शामिल हुए हैं।


रविवार शाम को होगा समापन :

बताया गया कि शनिवार प्रात: प्रारंभ हुई यात्रा शाम को घाघा-घाघी पहुची, जहां रात्रि विश्राम कर आज सुबह रविवार को नर्मदा पार कर बबैहा गरम पानी कुण्ड से ग्वारी, फूलसागर, तिंदनी, गाजीपुर, कटरा,गौंझी, देवदरा होते हुये व्यास नारायण मंदिर पहुंचकर आज शाम को यात्रा का समापन होगा। जहां यात्रा के समापन पर प्रसादी का वितरण किया जाएगा।










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