मंडला - एनएचएम के संविदा स्वास्थ्य कर्मी अपनी तीन सूत्रीय मांगो को लेकर सोमवार को सातवे दिन हड़ताल पर रहे। संविदा स्वास्थ्य कर्मियो ने 18 अप्रैल से बेमियादी हड़ताल की शुरूआत की है। संविदा कर्मियो के हड़ताल पर जाने से जिले में संचालित एचडब्लूसी सेंटर बंद हो गये है। इन केन्द्रो में अधिकांश पर संविदा सीएचओ कार्यरत है। जिससे महिलाओ को सेवाएं नहीं मिल पा रही है।
महिलाओ को अब प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तक जाना पड़ रहा है। एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. मुकेश झारिया ने बताया कि संविदा कर्मियो द्वारा नियमितीकरण, नियमितीकरण होने तक 5 जून 2018 की नीति लागू करने, सीएचओ को एमएलएचपी केडर में नियमित करने, पिछली हडताल के दौरान दर्ज प्रकरण को वापस लिये जाने की मांग को लेकर हड़ताल की जा रही है। दिसंबर माह में हड़ताल की गई जिसमें सरकार ने एक माह में पूर्ण करने का आश्वासन दिया लेकिन तीन माह बाद भी मांग पूरी नहीं की गई।
जिससे एक बार फिर हडताल प्रारंभ की गई है। सातवें दिन बड़ी संख्या में संविदा स्वास्थ्य कर्मी धरना स्थल पर मौजूद रहे। यहां संविदा कर्मियो द्वारा क्रमिक भूख हड़ताल की जा रही है। धरना स्थल पर संबोधित करते हुए पदाधिकारियो ने कहा कि मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा। सरकार द्वारा वर्षो से उपेक्षा की जा रही है। संविदा कर्मियो के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई है।
लोगो के जरूरी कामकाज प्रभावित हो गये है। जननी सुरक्षा योजना, प्रसूति सहायता योजना, जन्म प्रमाण पत्र, टीकाकरण समेत समस्त राष्ट्रीय कार्यक्रमो में काम ठप्प पड़ गया है।
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