मण्डला - एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मियो का अनिश्चितकालीन आंदोलन बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। संविदा कर्मी हड़ताल के साथ भूख हड़ताल भी कर रहे है। संविदा कर्मियो के हड़ताल पर चले जाने से जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो गई है। एएनएम और सीएचओ के हड़ताल पर चले जाने से तीन सैकडा से अधिक उप स्वास्थ्य केन्द्र में ताला लगने की स्थिति आ गई है।
गर्भवती महिलाओ व बच्चो को सेवाएं नहीं
मिल पा रही है। बुधवार को संविदा कर्मियो का आंदोलन कलेक्ट्रेट मार्ग पर जारी रहा।
संघ के जिलाध्यक्ष डा.मुकेश झारिया ने बताया कि सरकार द्वारा वर्षो से एनएचएम के
संविदा कर्मियो की उपेक्षा की जा रही है। 5 जून 2018 की नीति तक का लाभ नहीं दिया गया है। जिससे
संविदा एएनएम आज भी दस हजार रूप्ये में महीने भर काम करने को मजबूर है। सरकार का
महिला सशक्तिकरण का दावा यहां गलत साबित हो रहा है। यही स्थिति अन्य केडर की है।
बेहद कम मानदेय में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे है। कोरोना में अपनी जान दांव
पर लगाकर सेवाएं दी गई लेकिन सरकार का रवैया इसके बाद भी सकारात्मक नहीं है। संविदा
कर्मियो की अनिश्चितकालीन हड़ताल का जिले में व्यापक असर दिखाई दे रहा है। स्टाफ
नर्स के हड़ताल पर होने से प्रसव में समस्याओ का सामना करना पड रहा है। प्रसव के
बाद होने वाला भुगतान महिला हितग्राहियो को नहीं मिल रहा है। जिससे जिले में
शिकायतो की संख्या बढ गई है। संविदा कर्मियो ने धरना स्थल पर सरकार और एनएचएम के
खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। संविदा कर्मियो का कहना है कि मांग पूरी होने तक यह
आंदोलन नियमित रूप से जारी रखा जायेगा।
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