मंडला - स्टेट फारेस्ट रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन ने अपनी दीर्घकालिक लंबित
मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन। स्टेट फारेस्ट रेंज ऑफिसर्स एसोसिएशन मध्यप्रदेश की
दीर्घकालिक लंबित मांगों पर शासन द्वारा आज दिनांक तक किसी प्रकार का कोई निराकरण
नही किया गया है। इन मांगों के संबंध में आज से 5 वर्ष
पूर्व तत्कालीन वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार द्वारा मांगे पूर्ण कराने का लिखित
आश्वासन दिया गया था, परंतु आज 5 वर्ष
पूर्ण होने के पश्चात भी शासन द्वारा कोई कार्यवाही इस संबंध में नहीं की गयी है,
जो रेंजर कैडर को पूर्ण रूप से हतोत्साहित करते हुए आंदोलन के लिए
विवश करती है। रेंजर कैडर ने एक बार पुनः शासन का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए
लंबित माँगो के निराकरण हेतु निवेदन किया है।
इनकी मुख्य मांगे हैं -
रेंज ऑफिसर का प्रशिक्षण काल से सेवाकाल में जोडा जाए, मध्यप्रदेश ऑफिसर्स को कम वेतन दिया जा रहा है। रेंज ऑफिसर्स का प्रारंभिक वेतनमान सातवे वेतनमान के मेट्रिक्स 10 में लाते हुए रेंज ऑफिसर्स को वेतनमान 42700 किया जाये। साथ ही समस्त मैदानी वन अमले वनरक्षक से लेकर रेंजर तक वेतनमान को भी निम्नानुसार बढाया जाये एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर का नियमितिकरण किया जाये।
रेंज ऑफिसर्स को 4200 ग्रेड पे पर भर्ती कर प्रथम समयमान वेतन 8 वर्ष उपरांत 5400 (छटवे वेतनमान अनुसार) के पद में बढ़ाया जाये। रेंज ऑफिसर्स के सेवा शर्तों में उपरोक्त संसोधन के साथ राजपत्र में प्रकाशित किया जाए ताकि उनके अनुसार संवर्ग को लाभ मिल सके। रेंज ऑफिसर्स एवं समस्त मैदानी वन अमले को वन एवं वन्यप्राणी सुरक्षा के समय दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 45 के तहत सशस्त्र बल घोषित किया जाए। आवश्यकतानुसार शस्त्र चलाने की अनुमति हेतु दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 के तहत पर्याप्त संरक्षण प्रदान किया जाये। रेंज ऑफिसर्स द्वितीय श्रेणी राजपत्रित अधिकारी से राशि रूपये 40000/- की प्रतिभूति राशि जमा कराई जाती है जो तृतीय श्रेणी के लिए लागू है।
जबकि वर्तमान में रेज ऑफिसर को संवितरण
का अधिकारी नहीं है। अतः इस व्यवस्था को तत्काल समाप्त किया जाये। प्रशिक्षण काल
की वेतन वृद्धि का लाभ तुरंत प्रदान किया जावे एवं मध्यप्रदेश के विभिन्न वन
मंडलों में व्याप्त विषमताओं को दूर करने हेतु वित्त विभाग द्वारा अनुमोदन कराते
हुए इसको तुरंत राजपत्र में प्रकाशित किया जावे। रेज ऑफिसर्स को पदोन्नति के स्थान
पर अगर सहायक वन संरक्षक का कार्यवाहक प्रभार दिया जाता है तो समस्त वेतन एवं
भत्ते उच्चतर पद के अनुरूप हो साथ ही वैधानिक रूप से पदानुसार सहायक वन संरक्षक को
प्राप्त समस्त प्रकार की कार्यवाही के अधिकार प्रदान किये जावे ।
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