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Sunday, July 30, 2023

मप्र को टाइगर स्टेट का खिताब दिलाने कान्हा नेशनल पार्क की अहम भूमिका

कान्हा पार्क ने टाइगर में लगाया शतक, टाइगर की संख्या पहुंची 105 


मंडला - मप्र को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिल गया है। टाइगर स्टेट का खिताब दिलाने कान्हा नेशनल पार्क की अहम भूमिका है। इस खिताब से नवाजे जाने के बाद हर जगह खुशी का वातावरण है। पूरा मप्र जहां इस पर गर्व महसूस कर रहा है। मप्र में टाइगर बढऩे के साथ ही मंडला जिले में स्थित  कान्हा नेशनल पार्क ने भी टाइगर में शतक लगाया है। टाइगर स्टेटस 2022 के अपडेटेड आंकड़े जारी किए गए है। प्राप्त जानकारी अनुसार कान्हा पार्क में टाइगर की संख्या 105 पहुंच गई है।  

बता दे कि अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर एनटीसीए द्वारा टाइगर स्टेटस 2022 के अपडेटेड आंकड़े जारी किए हैं। जिसके अनुसार देश भर में 3682 बाघ हैं। मप्र पुन: 785 बाघों के साथ टाइगर स्टेट का दर्जा पाने में कामयाब हुआ है। वहीं मंडला जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व में पिछले चार वर्षों में टाइगर की संख्या में वृद्धि हुई है। कान्हा में जहां 2018 में 83 टाइगर थे वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 105 वयस्क टाइगर की हो गई हैं।


मप्र में टाइगर की संख्या में 50 प्रतिशत वृद्धि :

बताया गया कि देश भर में 2018 में बाघों की संख्या 2967 थी, जिसके अंतर्गत  715 बाघों का इजाफा हुआ है। वहीं मध्यप्रदेश की बात करें तो इन 4 वर्षों के दौरान प्रदेश में बाघों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जारी रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में 785 बाघ हैं। जो 2018 के मुकाबले 259 अधिक यानी करीब 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।


कान्हा में टाइगर ने लगाया शतक : 

टाइगर संरक्षण के क्षेत्र में मंडला जिले के कान्हा टाइगर रिजर्व का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 1973 में शुरू हुए प्रोजेक्ट टाइगर के प्रारम्भिक 9 पार्कों में कान्हा नेशनल पार्क भी इसमें शामिल था। एक अनुमान के मुताबिक प्रोजेक्ट टाइगर के शुरुआती दौर में कान्हा में 35-40 बाघ थे, 2018 में हुई गणना में टाइगर की संख्या बढ़ कर 83 हो गई और वर्तमान में एनटीसीए द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार यहां करीब 105 वयस्क टाइगर हैं।


50 वर्षो में हुए बदलाव :

कान्हा में इन 50 वर्षों में काफी बदलाव हुए हैं। इस दौरान कान्हा के अंदर आने वाले सभी गांव पार्क के बाहर स्थानांतरित किये गए। इससे वन्य प्राणियों के प्राकृतिक आवास का अच्छा विस्तार हुआ। इसके कारण शाकाहारी और मांसाहारी प्राणियों की आबादी में वृद्धि हुई है। बाघ संरक्षण परियोजना का फायदा बारासिंघा जैसी अन्य संकटग्रस्त प्रजातियों को भी मिला है।


हर चार वर्ष में होती है अखिल भारतीय स्तर पर गणना :

बताया गया कि  2010 और 2014 में अखिल भारतीय गणना की गई थी। इस गणना में कान्हा नेशनल पार्क में बाघों की संख्या में वर्ष 2010 में जहां 60 थी। वहीं 2014 में बाघों की संख्या 80 बताई गई। वर्ष 2018 में पुन: अखिल भारतीय स्तर पर बाघों की गणना की गई, जिसमें 83 टाइगर कान्हा में थे। टाइगर स्टेटस 2022 के अपडेटेड आंकड़े जारी होने के बाद अब कान्हा में 105 वयस्क टाइगर बताया गया है।

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