मंडला – आदिवासी
बाहुल्य जिला मंडला भ्रष्ट अधिकारी, कर्मचारियों के लिए सोने की खदान बन गया है। जिले में आए दिन
भ्रष्टाचार उजागर हो रहे हैं।
बावजूद इसके जिले के शासकीय नुमाईंदे सबक नहीं ले रहे है। मामला
संज्ञान में आने के बाद शासन, प्रशासन
हरकत में आता है। जिसके बाद कोई कार्रवाई की जाती है। इसी भ्रष्टाचार की कड़ी में
अब स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा एक मामला सामने आया है। जिसमें आशा प्रोत्साहन के
लाखों की राशि का मिलीभगत से दो लोगों के खाते में डाल दी गई जो वास्तविक में आशा
कार्यकर्ता हैं ही नहीं। जब इस मामले की जांच की गई, उसके बाद जहां फर्जी तरीके से डाली गई प्रोत्साहन
राशि को सरकारी खाते में वापिस कर जमा करा लिया गया है। इस मामले
में बीएएम और बीपीएम की सेवा समाप्ति की कार्यवाही करते हुए इनके समेत दो अन्य
लोगों पर एफआईआर मोहगांव थाने में दर्ज कराई गई है।
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मोहगांव थाने में FIR दर्ज |
जानकारी अनुसार लाखों रूपये के भ्रष्टाचार से जुड़ा यह मामला मोहगांव
विकासखंड में आशा प्रोत्साहन राशि का है। इस मामले में आरोपी ब्लॉक अकाउंट मैनेजर
(बीएएम) रानू कुम्हरे व ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम) अनामिका दुबे को नोटिस
जारी कर गबन की राशि करीब 27.68
लाख रुपए राज्य स्वास्थ्य समिति के खाते में जमा कराई गई है। इनकी
संविदा सेवा समाप्त करने की कार्रवाई करते हुए उक्त दोनों सहित चार लोगों के
विरुद्ध मोहगांव थाने में नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई है।
दो महिलाओं को आशा बनाकर खातें में ट्रांसफर की राशि :
सूत्रों के अनुसार मोहगांव ब्लॉक में आशा कार्यकर्ताओं को मिलने वाली
प्रोत्साहन राशि में वर्ष 2019
से गड़बड़ी की जा रही थी। इसमें ब्लॉक मेडिकल ऑफिस में कार्यरत
संविदा कर्मी बीएएम रानू कुम्हरे और बीपीएम अनामिका दुबे पर आरोप है कि इन्होंने
अपनी पहचान की दो महिलाओं समीक्षा दुबे व विद्या कुम्हरे को फर्जी आशा कार्यकर्ता
बनाकर इनके खातों में प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर की गई।
आशा भुगतान में मिली विसंगति :
बता दे कि आशा पोर्टल पर विकासखंड मोहगांव में आशा के भुगतान में
विसंगति पाई गई थी। जिसके बाद जांच की गई तो पोर्टल में रजिस्टर्ड ऐसी दो आशा
कार्यकर्ता का पता चला जो वास्तविकता में आशा कार्यकर्ता नहीं हैं। इन्हें फर्जी
तरीके से पोर्टल में रजिस्टर्ड किया गया था। इसके साथ ही इनके खातों में कई बार
राशि ट्रांसफर की गई। जिसके बाद मोहगांव बीएमओ की ओर से उक्त मामले में बीएएम रानू
कुम्हरे और बीपीएम अनामिका दुबे की संलिप्तता पाते हुए उक्त दोनों संविदा कर्मियों
सहित फर्जी आशा कार्यकर्ता समीक्षा दुबे व विद्या कुम्हरे के विरूद्ध मामला दर्ज
किया गया है। फिलहाल इस मामले में आरोपियों से गबन की गई राशि को सरकार के खाते
में जमा करा लिया गया है।
संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त, थाने में अपराध पंजीबद्ध :
बता दे कि इस मामले में संलिप्त संविदा कर्मियों की सेवा समाप्त करते
हुए मोहगांव थाने में उक्त चारों आरोपियों के विरुद्ध धारा 410, 409, 120 बी के
अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है। सवाल यहां यह भी बना हुआ है कि जब यह गड़बड़ी
2019 से
लगातार की जा रही थी तो फिर वरिष्ठ अधिकारियों की इस गड़बड़ी पर नजर क्यों नहीं गई
या फिर वे भी कहीं न कहीं इस गड़बड़ी में संलिप्त थे और जब कार्यवाही की बात आई है
तो छोटे कर्मचारियों पर ही कार्यवाही कर बड़े अधिकारियों को बचाने का प्रयास किया
जा रहा है।

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