मंडला - कहावत है
कि सुख के पीछे दुख और दुख के पीछे सुख आता है। हर निराशा के पीछे एक आशा छिपी
होती है। इसी छिपी आशा की चाह में हद्य रोग से पीडि़त राधिका कुंजाम के पिता बबलू
कुंजाम जब विकासखंड निवास के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र निवास पहुंचे और उन्हें
अपने बच्चे का स्वस्थ्य होने का आश्वासन मिला, तो उनकी खुशी देखते हुए बन रही थी। बता दे कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य
मिशन की योजना राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल ह्दय
उपचार योजना अंतर्गत जिला मंडला के विकासखंड निवास के ग्राम पाटा देवगांव वार्ड
नंबर 15 निवासी
राधिका कुंजाम पिता बबलू कुंजाम उम्र 8 वर्ष बालिका की धड़कने थमने नहीं दी। योजना का सहारा मिला तो अब
मासूम स्वस्थ्य है। अब मां बाप की खुशी देखते ही बनती है।
सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हदय उपचार योजना
के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को
नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं जिला शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप केन्द्र में दी जा रही
है। जिससे कि पीडि़त बच्चे निरोगी हो सके। कहावत है कि जो जागा, उसने जग पाया। किसी की सलाह
से रास्ते तो जरूर मिलते है पर मंजिल तो खुद की मेहनत से ही मिलती है। ऐसा ही एक
बाकया एक जागरूक अभिभावक बबलू कुंजाम जिन्होंने अपनी परेशानियों और परिवारिक दिक्कतों
को दरकिनार कर अपनी प्रतिबद्धता और मासूम का जीवन बचाने की संकल्पित भावना से अपने
बच्चे राधिका के जीवन को बचाया।
आरबीएसके चिकित्सक डॉ. अजय खांडेल ने बताया कि ग्राम पाटादेवगांव की आंगनवाडी में आरबीएसके टीम स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंची। इसी दौरान राधिका कुंजाम का स्वास्थ परीक्षण किया। जिसमें जांच परीक्षण के बाद पता चला कि राधिका को जन्मजात हृदय रोग से पीडि़त है। डॉ. अजय ने जैसे ही स्टैथौस्कोप लगा कर एस्कुलटेट किया तो राधिका कुंजाम के हार्ट बीट एबनॉर्मल आ रहीं थीं। इसके बाद आरबीएसके टीम ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा राधिका के माता पिता को बुलवाया। जिसके बाद राधिका के जन्म से लेकर अभी तक की पूरी जानकारी ली। जिसमें पता चला कि बच्ची जल्दी खेलने कूदने के दौरान उसकी सांस फूलने लगती थी, जल्दी ही थक जाती थी। इसके साथ बच्ची का विकास भी अच्छे से नहीं हो पा रहा था। बच्ची के पिता ने बताया कि राधिका बचपन में बार बार बीमार हो जाती थी। राधिका के माता पिता को आरबीएसके टीम के द्वारा समझाया की राधिका के हार्ट में कोई जन्मजात ह्दय की बीमारी का अंदेशा है। राधिका का ईको जांच कराना पढ़ेगा। इसके बाद ही पता चलेगा कि बच्ची को कौन सी बीमारी है।
बच्ची के माता पिता से बातचीत के दौरान उन्हें बताया गया कि बच्ची का
पूरा उपचार आरबीएसके द्वारा मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना के अंतर्गत नि:शुल्क
किया जाएगा। राधिका के माता पिता बहुत समझदार थे, वे देरी ना करते हुए तत्काल ईको जांच के लिए तैयार
हो गए। निवास
आरबीएसके टीम ने बच्ची की ईको जांच मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर में कराई। जांच के
दौरान पता चला कि बच्ची को जन्मजात बीमारी पीडीए निकला है। बीमारी का पता चलने के
बाद बच्ची के ह्दय की सर्जरी मेट्रो हॉस्पिटल जबलपुर में कराई गई। सर्जरी के बाद
अब राधिका स्वस्थ्य है। सर्जरी के बाद राधिका के परिजन ने उसे 06 जुलाई को डिस्चार्ज कराकर
निवास अपने घर ले आए है। बच्ची की सफल सर्जरी और उसके स्वस्थय होने की सफलता निवास
आरबीएसके टीम डॉ. अजय कुमार खांडेल, डॉ. मनोरमा पाण्डेय का सहयोग रहा। इसके साथ ही जिला हस्तक्षेप
प्रबंधक अर्जुन सिंह, निवास
बीएमओ डॉ. विजय पैगवार का मार्गदर्शन मिलने से आज राधिका के परिजनों के चेहरों पर
खुशी की लहर है।
No comments:
Post a Comment