मंडला (NEWS WITNESS) - माननीय तृतीय अपर सत्र न्यायाधींश श्रृंख्ला
न्यायालय नैनपुर श्रीमान डी.आर.अहिरवार द्वारा अभियुक्त मनीराम सल्लाम पिता
फागूलाल सल्लाम आयु 55 वर्ष निवासी ग्राम तिलरी थाना खटिया, जिला मण्डला तथा अभियुक्त
सुखदेव तेकाम पिता जनाब सिंह तेकाम निवासी ग्राम अरोली थाना खटिया, जिला मण्डला म.प्र. को आज सत्र प्र.क्र.-05/23, अ.क्र.-02/23, धारा 302/34, 201 भादवि में दोषसिद्ध पाते हुए आजीवन कारावास एवं 1000-1000/-रूपये के
अर्थदंड से दंडित किया गया है।
विजय अहिरवार सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा बताया गया कि 5
जनवरी 2023 को प्रार्थी प्रताप सिंह उईके मृतक के पुत्र ने रिपोर्ट लेख कराया कि
उसके पिता पचलू सिंह उईके झाड़़-फूंक का काम करते थे, जो झाड-फूंक करने 03 जनवरी 2023 को ग्राम तिलरी
तक काम से जा रहा हूं कहकर निकले थे, जो वापस नहीं आये
एवं 04 जनवरी 2023 को ग्राम मोचा बाजार में शाम करीब 04:00 बजे तिलरी की हल्ली बाई
ने प्रार्थी को बताई कि तुम्हारे पिता तिलरी गाव में
सरस्वती बाई के घर के आंगन में सोया है, उसके साथ ग्राम
अरोली का सुखदेव भी है तथा 5 जनवरी 2023 को सुबह 09:00 बजे ग्राम तिलरी के सरपंच
शोभाराम के द्वारा फोन से सूचना दिया कि तुम्हारे पिता ग्राम तिलरी के कोपेनाला
में पगडंडी रोड के पास मृत अवस्था में पड़े हैं, शरीर
में चोट के निशान है, खून बहकर जमा हुआ है। उक्त सूचना
पर मौके पर परिजनों के साथ जाकर देखा तो उसके पिता के सिर एवं आंखा के पास चोट के
निशान, पीठ पसली में जगह-जगह खरोंच के निशान होना एवं
किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा उसके पिता को तिलरी रोड से घसीटते हुए लोकर कोपेनाला
में सिर एवं चेहरे में चोट पहंुचाकर हत्या किया है। पुलिस थाना खटिया द्वारा
प्रार्थी की उक्त रिपोर्ट पर से अभियुक्त के विरूद्ध अ.क्र. 02/23 अंतर्गत धारा
302 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर प्रकरण विवेचना में लिया गया।
संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया विचारण के दौरान अभियोजन द्वारा अ.सा.-1 प्रतापसिंह उईके, अ.सा.-2 गंगा बाई, सुषील पटेल, धरमसिंह उईके, यशवंत पूषाम, विपतदास, आरक्षक विनोद सिंह टेकले, डाॅ. आयुष दुबे, रमेश कुमार जंघेला(पटवारी), अतुल वासनिक, उप निरीक्षक रामकिशोर माथरे साक्ष्य में प्रस्तुत हुए साक्ष्य के मूल्यांकन एवं तर्कों से सहमत होते हुए आरोपी मनीराम सल्लाम एवं सुखदेव तेकाम को आजीवन कारावास एवं 1000-1000/-रूपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी विजय अहिरवार द्वारा की गई।
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