मंडला - टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत भारत में क्षय रोग से पीडि़त
व्यक्तियों की सहायता के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे टीबी से
ग्रसित व्यक्तियों की देखभाल और सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने, पीडि़त व्यक्तियों
की देखभाल, उपचार और परिणामों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने, बीमारी के दौरान
रोगी और उनके परिवार के सदस्यों को समग्र देखभाल और सहायता प्रदान की जा सके।
जिससे मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सके। बता दे कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत
सफल उपचार के साथ सफल परिणाम सुनिश्चित करना और परिवार समुदाय में टीबी के प्रसार
को रोकना है। जिससे टीबी बीमारी के परिवार के साथ समुदाय से भी जुड़ाव होगा। टीबी
मुक्त ग्राम बनाने एवं टीबी को खत्म करने का वैश्विक लक्ष्य 2030 है, लेकिन भारत सरकार
की मंशा अनुरूप वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाना है। जिसके लिए जमीनी स्तर पर कार्य किया
जा रहा है।
जानकारी अनुसार
ग्राम खटोला में स्वास्थ्य विभाग एवं वन विभाग के साझा प्रयास से टीबी एवं एचआईवी
स्क्रीनिंग शिविर आयोजित किया गया। स्क्रीनिंग कैम्प में किसली, भिलवानी, विजयनगर, मड़माऊ, खटोला, चंदिया के
ग्रामवासी पहुंचे, जहां उन्होंने आयोजित शिविर में स्वास्थ्य लाभ उठाया। स्क्रीनिंग
कैम्प मेंमरीजो की टीबी, शुगर, एचआईवी, बीपी, मलेरिया समेत अन्य जांचे की गई। इसके साथ शिविर में आए ग्रामीणों
को टीबी से संबंधित जानकारी को विस्तार से बताया गया। स्वास्थ्य विभाग से सीनियर
ट्रीटमेंट सुपरवाइजर बिछिया कमल किशोर आर्मो द्वारा स्वास्थ्य वातावरण के साथ
स्वस्थ्य लोग स्वास्थ्य गांव स्वास्थ्य शहर स्वास्थ्य ग्राम पंचायत स्वास्थ्य
प्रदेश व स्वास्थ्य देश की जो मंशा है और वर्तमान में टीबी मुक्त भारत अभियान के
तहत टीबी मुक्त ग्राम पंचायत गाँव बनाने के लिए लोगों को जानकारी दी। शिविर में
बताया गया की टीबी जैसी गंभीर बीमारी को लेकर आज भारत सरकार, प्रदेश सरकार जन
जागरूकता अभियान के तहत लोगों को जागरूक कर रही है। जिसमें बताया जाता है कि
संभावित टीबी मरीजों को पहचान कर टीबी की जांच कराने पर कैसे संबंधित व्यक्ति को
इंसेंटिव के रूप मे प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
निक्षय मित्र बनकर
कर रहे मदद :
बता दे कि वल्र्ड
हेल्थ ओर्गनइजेशन और भारत सरकार की मंशा है कि किसी भी टीबी मरीज को जाँच से लेकर
उपचार तक किसी भी रूप में आर्थिक भार न आये इसलिए टीबी मरीज की सम्पूर्ण जाँच
नि:शुल्क और पूरा उपचार भी नि:शुल्क सरकारी अस्पताल में उपलब्ध है और सभी तरह से
प्रोत्साहन राशि के साथ जिम्मेदार समाज सेवक, जनप्रतिनिधि, सरकारी अधिकारी, कर्मचारी, निक्षय मित्र बनकर
टीबी मरीज को पोषण सहायता के तहत फूड बास्केट भी प्रदान कर रहे हैं।
वन विभाग व
स्वास्थ्य विभाग करें साझा स्क्रीनिंग कैम्प :
संयुक्त संचालक
कान्हा टाइगर रिजर्व बफर जोन नरेश सिंह यादव ने शिविर में भारत सरकार के क्षय
उन्मूलन का लक्ष्य वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत, टीबी मुक्त ग्राम पंचायत के विषय में
जानकारी दिए। इसके साथ उन्होंने कहां कि आने वाले समय में वन विभाग एवं
स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर साझा स्क्रीनिंग कैम्प जन जागरूकता अभियान एवं वन विभाग की ओर से
हर समितियों की बैठक में टीबी उन्मूलन पर चर्चा एवं संभावित लोगों की जाँच कराने के लिए
सहमति एवं जन जागरूकता के लिए प्रयास करने की बात कहीं। इस साझा विभागीय
स्क्रींनिग कैम्प में रेंजर मोहम्मद ओब्दुल्लाह खान वन परिक्षेत्र सिझोरा, तबिश खान टेक्निकल
एडवाइजऱ द यूनियन, प्रदीप कुमार सिंह लैब टेक्निशियन, रैनी वर्मा, दयावती मारवी सरपंच
खटोला, मुक्ता बेक सीएचओ खटोला, कपिल चक्रवर्ती समेत ग्रामीणजन मौजूद
रहे।
टीबी मरीज को नहीं
पड़ेगा आर्थिक भार :
आयोजित स्क्रीनिंग कैम्प में बताया गया कि भारत सरकार की मंशा है कि टीबी मरीज की जेब से एक रुपया का भी आर्थिक भार न पड़े, इसलिए संभावित टीबी मरीज की संपूर्ण जाँच से लेकर उपचार नि:शुल्क किया जाता है एवं निक्षय पोषण सहायता राशि के तहत प्रतिमाह 500 एवं ट्राइबल इंसेंटिव के रूप में 750 रुपया दिया जाता है। इसके साथ ही आशा एवं अन्य सामाजिक कार्यकर्ता संभावित टीबी मरीज की जाँच कराता है और मरीज पॉजिटिव आता है तो इन्फोर्मेंट स्कीम प्रोत्साहन राशि के तहत 500 रुपया प्रदाय किया जाता है। जितने भी प्राइवेट चिकित्सक, हॉस्पिटल, क्लिनिक हैं, वहाँ से भी अगर मरीज चिन्हित होता है तो उन्हें भी इन्फोर्मेंट स्कीम के तहत 500 रुपया प्रदाय किया जाता है। संपूर्ण दवा खिला कर ठीक करने के बाद आशा कार्यकर्ता को 1000 की प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाती है।
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