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Wednesday, September 6, 2023

व्यावसायिक प्रशिक्षकों, शिक्षकों ने की हरियाणा मॉडल की तर्ज पर नवीन मानदेय का निर्धारण की मांग

आठ वर्षो में नहीं बढ़ा मानदेय, समस्या निराकरण के लिए सौंपा ज्ञापन

मंडला (NEWS WITNESS) - देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लागू केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक नवीन व्यावसायिक शिक्षा (एनएसक्यूएफ) योजना मध्यप्रदेश के विभिन्न शासकीय विद्यालयों में विगत 8 वर्षों से संचालित है। जिसमें व्यावसायिक प्रशिक्षकों, शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों में कौशल का विकास कर विद्यार्थियों को रोजगार एवं स्वरोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश और आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को धरातल पर साकार करने में योगदान दिया जा रहा है। वहीं वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए प्रशिक्षकों और शिक्षकों ने अपनी समस्या का समाधान के लिए मांग की है। 

जानकारी अनुसार समग्र शिक्षा अभियान द्वारा संचालित नवीन व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत मप्र के शासकीय विद्यालयों में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम दिल्ली से संबंद्ध वोकेशनल ट्रेनिंग प्रोवाईडर के माध्यम से कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों, शिक्षकों ने अपनी समस्या से संबंधित मांगों का निराकरण करने की मांग की है। जिसमें प्रशिक्षकों, शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सांसद प्रतिनिधि जयदत्त झा को ज्ञापन सौंपा है। 

इसके साथ ही इन्होंने केंद्रीय इस्पात ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, पूर्व राज्यसभा सांसद श्रीमती संपतिया उइके, मंडला विधायक देव सिंह सैयाम को भी अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन दिया है। ज्ञापन सौंपने के दौरान रितु मिश्रा, आकाश शर्मा, अविनाश, लिकेश कतरे, हेमलता गड़पाल, मृदुला तिवारी, हेमंत पटेल, सुयांक गौतम, स्वाति प्रिया चौरसिया आदि सदस्य मौजूद रहे।  


प्रशिक्षकों, शिक्षकों की ये है मांगे :


व्यावसायिक प्रशिक्षकों, शिक्षकों की जॉब सिक्योरिटी के लिए जॉब पॉलिसी का निर्धारण करते हुये स्थाई नीति का निर्धारण किया जाए, मध्यप्रदेश में विगत 8 वर्षों से व्यावसायिक प्रशिक्षकों, शिक्षकों के मानदेय में कोई वृद्धि नहीं की गई, इन 8 वर्षों को ध्यान में रखते हुये हरियाणा मॉडल की तर्ज पर नवीन मानदेय का निर्धारण किया जाए। भविष्य में प्रतिवर्ष मानदेय में 10 प्रतिशत तक बढोत्तरी को निर्धारित किया जाए। विभिन्न अवकाश सुविधाओं का लाभ हमें दिया जाए। 

किसी भी प्रकार की दुर्घटना घटित होने पर विभिन्न बीमा योजनाओं का लाभ दिया जाए। पूर्व में ट्रेड के बंद होने के कारण एवं वर्तमान में कम्पनी का अनुबंध समाप्त होने के कारण नई कम्पनी आने तक कई व्यावसायिक प्रशिक्षकों, शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। उन्हें प्राथमिकता के साथ यथावत रखा जाए।  हाल ही में संविदा कर्मियों को दिए गए लाभ की भांति व्यावसायिक प्रशिक्षकों, शिक्षकों को भी विभागीय सुविधाओं का लाभ दिए जाने की मांग की है।



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