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Sunday, October 8, 2023

लाखों की लागत से निर्मित सेग्रेशन शेड कचराघर बना शोपीस, कचरे की जगह अब इंसान कर रहे रहवास

मंडला - स्वच्छता अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में कचरा सेग्रिगेट करने के लिए शेड बनाए गए। जिसका फिलहाल कोई उपयोग नहीं हो रहा। जिले की ग्राम पंचायतों में तो लाखों रुपए खर्च कर शेड निर्माण किया गया, जो औचित्यहीन साबित हो रहा है। इसका उपयोग नहीं किया जा रहा है। यहां कचरे की जगह बाहर से ग्रामों में काम करने आने वाले लोग अपने डेरा जमाए बैठे है। गांव के घरों से निकलने वाला कचरा का निपटान ग्राम पंचायत कहा कर रही है, यह समझ से परे है। ग्रामों में गंदगी का अंबर लगा हुआ है। 

बता दे कि जिले की ग्राम पंचायतों में कचरा निपाटन के लिए कचरा शेड बनाया गया है। बनाए गए शेड लाखों रूपए की लागत से बनाए गए है, जो उपयोगविहीन साबित हो रहे है। बनाए गए शेड में कचरा संग्रहित किया जाना था और गीले व सूखे कचरे को अलग कर उसका निपाटन करने की योजना थी। लेकिन योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायतों में रूचि दिखाई नहीं दे रही है। इन कचरा सेगे्रशन शेड का उपयोग अब तक नहीं हो रहा है, जो फिलहाल उपयोगहीन साबित हो रहा है। 

जानकारी अनुसार स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी क्षेत्रों में ट्रेचिंग ग्राउंड पर कचरे के निपटान की व्यवस्था की गई है। बड़ी पंचायतों में भी इस व्यवस्था को शुरू करने की कवायद की गई। जिले की जनपद पंचायतों की कई ग्राम पंचायतों में कचरे के उचित निपटान के लिए सेग्रिगेशन शेड स्वीकृत किए गए। इनमें से कई ग्राम पंचायतों में तो शेड बन गए लेकिन कई ग्राम पंचायतों में शेड का उपयोग नहीं किया जा रहा है। ऐसी एक ग्राम पंचायत मुख्यालय से करीब तीन किमी दूर बिनैका पंचायत है। जहां वर्ष 2021-22 में 06 लाख 29 हजार रूपए की लागत से कचरा निपाटन के लिए सेग्रेशन शेड कचरा घर बनाया गया था, लेकिन इस सेग्रेशन शेड का उपयोग आज दिनांक तक नही किया गया। बनने के बाद इसका उपयोग ग्राम में आने वाले मजदूर वर्ग के लोग कर रहे है। 

बता दे कि मुख्यालय के नजदीकी ग्राम पंचायत बिनैका हमेशा सुर्खियों में रहता है। यहां के जनप्रतिनिधि और पंचयत कर्मी से ग्रामीण हमेशा नाखुश नजर आते है। ग्राम पंचायत बिनैका में सेग्रेशन शेड पंचायत द्वारा ही बनाया गया है, लेकिन यह उपयोग हीन साबित हो रहा है। ग्राम में गंदगी का अंबार लगा रहता है। जिसके कारण संक्रमण का भी खतरा बना रहता है। पंचायत में कचरा एकत्र करने के लिए वाहन भी उपलब्ध है। लेकिन घर-घर कचरा वाहन नहीं पहुंच रहा है। कचरा वाहन ग्राम पंचायत की शोभा बढ़ा रहा है। 

 

कचरे को अलग कर नष्ट करने की थी योजना :

 

बताया गया कि ग्रामों से निकलने वाले कचरे के लिए ग्राम पंचायत में सेग्रेशन शेड बनाया गया। जहां कचरा एकत्रित करने के बाद गीले कचरे और सूखे कचरे को अलग-अलग किए जाने की योजना है। जिसको अलग अलग करके निस्तारित करने की योजना थी, लेकिन भविष्य में गीले कचरे से खाद बनाकर उससे आय अर्जित की जा सकती है। सूखे कचरे का निपटान करने की योजना योजना के तहत इससे अन्य उपयोगी सामग्री बनाकर उससे भी ग्राम पंचायत राशि अर्जित कर सकती है, लेकिन यहां ऐसा कुछ दिखते नजर नहीं आ रहा है। यहां बनाया गया सेग्रेशन शेड उपयोगहीन साबित हो रहा है। यहां कचरे एकत्र करने की जगह बाहर से आने वाले लोग अपना डेरा जमाए बैठे है।

 





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