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Thursday, November 30, 2023

रेत खदानों के सरेंडर किए जाने की खबरें फैलते ही रेत माफिया हुए सक्रिय

मंडला - जिले में रेत खदानों के सरेंडर किए जाने की खबरें फैलते ही रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं। मंडला की रेत सफेद सोने से कम नहीं है, शासन को सबसे ज्यादा राजस्व रेत खदानों के ठेके से मिलता है। सूत्रों के अनुसार इस बार जिले की लगभग 26 खदानें वंशिका कंन्स्ट्रक्सन को लगभग 47 करोड़ में ठेके में दी गई है। सूत्रों की मानें तो इस बार विभाग के सामने एक बड़ी समस्या यह उत्पन्न हो गई है रेत खदानों को ठेके में लेने वाले ठेकेदार ने खदान सरेंडर करने के लिए एक पत्र शासन भेजा है। जिसकी जानकारी लगने के बाद रेत माफिया सक्रिय हो गए है। जिले भर में रेत चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं।


रेत का अवैध उत्खनन हिरदेनगर, बम्हनी, अंजनिया के आसपास नारा, दिवारा, बगली, बोकर, जिगराघाट, मांद के अलावा अन्य जगहों से रेत माफिया अवैध रेत का खनन कर रहें हैं। रेत माफिया मांद की नदी, बघरोड़ी गांव की मटीयारी नदी के आसपास के अलावा सुरपन नदी से बेधड़क रेत निकाली जा रही है। बम्हनी थानांतर्गत यहां पुल के नीचे से धड़ल्ले से रेत निकाली जा रही है, इसी तरह टिकरवारा, नारा, दिवारा, सिलगी, भडिय़ा, बरबरसपुर, इन्द्री, बहेरी, टाटरी सहित जिले में करीब आधा सैंकड़ा स्थानों से रेत निकाली जा रही है। कहीं रात के अंधेरे में रेत चोरी की जाती है तो कुछ स्थानो में दिन में रेत खनन किया जा रहा है। बिछिया, घुघरी, अंजनियां, बम्हनी, टाटरी, मोहगांव थाना के अंतर्गत रेत खनन का कार्य अधिक हो रहा है।


जानकारों के अनुसार जिले में लगभग 26 रेत खदानें हैं, जिसकी तीन माह पूर्व ही करीब 47 करोड़ में ठेका प्रक्रिया पूरी की गई है। मानसून सत्र होने के चलते 30 सितबंर तक खदान से उत्खनन पर प्रतिबंध रहा। सूत्रों की माने तो ठेकेदार को खदान से नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिसके लिए उन्होंने शासन को पत्र लिखकर खदानें सरेंडर करने की मंशा जाहिर की है।


रेत खदानों के सरेंडर किए जाने की खबरें फैलते ही रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं हालांकि जिले में रेत माफियाओं पर अब तक न तो खनिज विभाग का कोई जोर चल सका हैं। अब जैसे ही रेत माफियाओं को ठेकेदार द्वारा खदाने सरेंडर करने की सूचना मिली है वे ज्यादा सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों की मानें तो भडिय़ा, हिरदेनगर, तलैयाटोला, ठरका, सतबहनी, इन्द्री सहित दर्जनों ठिकानों से रेत माफिया मजदूरों के साथ ही पोकलेन और जेसीबी से भी रेत उत्खनन कर परिवहन करा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो रोजाना रेत चोरी कर मनमाने दाम में बेची जा रही है जिससे शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा रहा है।


रेत माफिया इस कदर बेखौफ होकर काम कर रहे हैं कि वे खनिज विभाग के कार्यालय के बाहर खड़े होकर दिन भर यहां अधिकारियों के आने-जाने पर न केवल नजर रखते हैं बाल्कि अधिकारी, इंसपेक्टरों के कार्यालय से रवाना होते माफिया अधिकारियों का पीछा करते हैं और उनके लोकेशन को अपने मोबाईल से अवैध उत्खनन-परिवहन में लगे लोगों को आगाह करते रहते हैं ऐसा भी नहीं है कि इसकी जानकारी अधिकारियों को नहीं है। खनिज अधिकारी का कहना है कि उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को भी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की जाती।

 



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